भोपाल। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने राजस्थान के टेक्सटाइल उद्योगपतियों (textile industrialists) से कहा है कि वे मध्यप्रदेश आएं, हमारे प्रदेश में उद्योगों के लिए असीमित सम्भावनाएं तो है ही उद्योगमित्र पॉलिसी और सस्ती बिजली के साथ मानव श्रम भी भरपूर है। मंत्री सखलेचा भीलवाड़ा के एक होटल में राजस्थान के उद्योगपतियों और उद्योग भारती के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार का औद्योगिक निवेश बढ़ाने पर जोर है। मध्यप्रदेश सरकार पड़ोसी राज्यों के उद्यमियों को विभिन्न रियायतें देकर लगातर निवेश आमंत्रित कर रही है ।
इन्वेस्टर समिट-2021 के नाम से हुए इस सम्मेलन में मंत्री सखलेचा सहित उनकी टीम के अधिकारियों ने राजस्थान की सीमा से जुड़े नीमच, मंदसौर सहित अन्य जिलों में निवेश को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया। उन्होंने मध्यप्रदेश की उद्योग मित्र पालिसी और अनुकूल वातावरण से अवगत करवाया। मंत्री सखलेचा ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नए उद्योगों को दी जा रही रियायतें/सुविधाएं आदि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार आपके सहयोग के लिए खडी है। किसी भी कार्य में बाधा पर आप सीधे मुझे या एम.एस.एम.ई विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं।
इससे पहले विभाग के सचिव विवेक पोरवाल ने मध्यप्रदेश सरकार की औद्यागिक नीतियों पर प्रजेन्टेशन देते हुए बताया कि भौगोलिक रुप से मध्यप्रदेश देश के मध्य में होने से यहां से किसी भी घरेलू मार्केट या बन्दरगाह तक माल भेजने में परिवहन खर्च लगभग 5 प्रतिशत कम है। मध्यप्रदेश विद्युत सरप्लस स्टेट है। इस अवसर पर मेवाड चेम्बर के डॉ.आर.सी.लोढा, डॉ. पी.एम. बेसवाल, लघु उद्योग भारती के महेश हुरकट, अनूप बागडोदिया, सिन्थेटिक वीविंग मिल्स एसोसियेशन के शाबिर मोहम्मद, रमेश अग्रवाल एवं भीलवाडा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के अतुल शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेमस्वरूप गर्ग, मार्बल गेंगशॉ एसोसियेशन प्रेजिडेंट रवि शर्मा, मेवाड़ चैंबर के पदाधिकारी सहित अनेक उद्यमी उपस्थित थे।
सखलेचा ने कहा कि पिछले 6 महीने से कई निवेशक व्यक्तिगत रूप से आकर मिले जिनकी रूचि मध्यप्रदेश में काम करने की है। उन्होंने भीलवाड़ा लघु उद्योग भारती के कार्यक्रम में समर्पण सिंथेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री का निरीक्षण भी किया। उनके साथ भीलवाड़ा के सांसद सुभाष जी बहेडि़या तथा निंबाहेड़ा के चंद कृपलानी भी थे। (एजेंसी, हि.स.)
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