कांग्रेस की सरकार में वर्मा प्रदेश के चार ब्रिजों का कर चुके थे भूमिपूजन, तीन तैयार
इंदौर। एबी रोड (A B Road) पर बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज (Elevated Bridge) को निरस्त करने और उसके स्थान पर 7 ओवरब्रिज (7 overbridges) बनाने के मामले में एक बार कांग्रेस सरकार (Congress Government) में मंत्री रहे सज्जनसिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने मोर्चा खोला है। उन्होंने केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें 7 ओवरब्रिज बनाने का निर्णय अव्यावहारिक बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने आपसे सरकार में रहते 4 ब्रिज मंजूर करवाए थे, जिसमें तीन तो तैयार हो गए हैं।
एलआईजी चौराहे से नवलखा चौराहे तक कांग्रेस के शासनकाल में एलिवेटेड ब्रिज की योजना लाई गई थी। उत्तरप्रदेश सरकार की ब्रिज इकाई के इसका टेंडर आवंटित भी हो चुका था, लेकिन बाद में भाजपा की सरकार ने इस पर रोक लगा दी। वर्मा ने गडकरी से कहा कि आपने 7 मिनट में ही इस ब्रिज की सौगात प्रदेश को दे दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरी योजना को निरस्त कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को स्थानीय नेताओं ने भी गुमराह किया, जबकि शहर के इंजीनियरों ने एक रिपोर्ट नगरीय प्रशासन मंत्री को भी सौंपी, जिसमें उन्होंने ओवरब्रिज का निर्माण अव्यावहारिक बताया है। यहां सर्विस रोड के लिए भी लेन नहीं मिल पाएगी। वर्मा का कहना था कि मैंने आपसे जबलपुर, भोपाल, देवास और इंदौर के एलिवेटेड ब्रिज स्वीकृत कराए थे। इनमें इंदौर छोडक़र सभी जगह ब्रिज बनकर तैयार हो चुके हैं।
वर्मा ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि अगर ब्रिज का काम निरस्त हो जाता है तो 35 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इसलिए एलिवेटेड ब्रिज ही इस सडक़ पर उपयोगी है। चिट्ठी के साथ वर्मा ने इंजीनियरों की रिपोर्ट भी लगाई है। उन्होंने गडकरी से कहा है कि शहर यातायात के मामले में बहुत परेशानी झेल रहा है। अगर एलिवेटेड ब्रिज बन जाता है तो लाखों लोगों को आसानी होगी।
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