नई दिल्ली। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में पुलिस को अब तक ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार का सुराग नहीं मिला है। इस वारदात की छत्रसाल स्टेडियम की सीसीटीवी फुटेज में सुशील 20-25 पहलवानों और असौदा गिरोह के बदमाशों के साथ सागर धनखड़ और दो अन्य को पीटता दिखा है। सभी लोग सागर को लात-घूंसों, डंडों, बैट व हॉकी से मारते दिख रहे हैं। फुटेज में सुशील सागर व दो अन्य पीड़ितों पर हॉकी चलाता भी दिखा है।
सभी पहलवान और बदमाश स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में कैद हैं। दिल्ली पुलिस अन्य आरोपियों पर इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 20 से 25 लोगों ने सागर व दो अन्य को अधमरा होने तक पीटा था। फुटेज से पता लग रहा है कि पीड़ितों को जानवरों जैसे पीटा गया। उनके मुताबिक, सुशील के साथ असौदा गिरोह के बदमाश और कुछ पहलवान भी थे। यह बात भी सामने आ रही है कि जेल में बैठा नीरज बाली भी सुशील को बचाने में लगा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद सुशील अब सरेंडर करने की तैयारी कर रहा है। सुशील पहलवान रोज ठिकाना बदल रहा है। वह एक ठिकाने पर कुछ घंटे या एक दिन ही रुकता है। सुशील कुछ रिश्तेदारों के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है।
वह हरियाणा व यूपी से निकलकर अब पंजाब पहुंच गया है। बृहस्पतिवार दिन व रात में उसकी लोकेशन पंजाब के कुछ जिलों में आई है। उत्तर-पश्चिमी जिले की कुछ टीमें सुशील को पकड़ने के लिए पंजाब में दबिश दे रही हैं। एक दिन पहले सुशील बहादुरगढ़ में देखा गया था।
दिल्ली पुलिस के किसी अधिकारी ने नहीं डाला दबाव
दिल्ली पुलिस ने पत्र भेजकर कहा है कि सुशील कुमार के खिलाफ मामला दर्ज होते समय किसी वरिष्ठ अधिकारी ने न तो किसी तरह का दबाव डाला और न केस को हल्का करने की कोशिश की थी। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि एफआईआर दर्ज करते समय विशेष आयुक्त स्तर के अधिकारी की ओर से किसी तरह का दबाव नहीं डाला गया था। पत्र में कहा गया है कि एफआईआर तथ्यों की समग्रता की पड़ताल करने के बाद उचित धाराओं में दर्ज की गई थी। बाद में जैसे-जैसे मामले की जांच में तथ्य सामने आते गए, संबंधित धाराएं 365, 302 और 120 कानूनी प्रावधान के अंतर्गत मुकदमे में सम्मिलित की गई हैं।
स्टेडियम की फुटेज से नहीं की गई छेड़छाड़
छत्रसाल स्टेडियम की सीसीटीवी फुटेज व आरोपी प्रिंस के मोबाइल से मिले वीडियो से पता लग रहा है कि सुशील कुमार पीड़ितों को हॉकी से पीट रहा था। फुटेज और वीडियो सुशील के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत हैं। पुलिस ने दोनों को ही जब्त कर लिया है। पुलिस ने स्टेडियम की फुटेज व वीडियो की फोरेंसिक जांच कराई थी। फोरेंसिक लैब ने वीडियो को सही ठहराया है। प्रिंस ने मारपीट करते हुए अपने मोबाइल से वीडियो बना लिया था। इसके अलावा, स्टेडियम की फुटेज भी सही है। इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
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