भोपाल (Bhopal)। सागर (Sagar) में करीब दो साल पहले (two years ago) चौकीदारों (watchmen) में खौफ का पर्याय बने सीरियल किलर शिवप्रसाद धुर्वे (Shivprasad Dhurve) उर्फ (20) हल्कू निवासी कैंकरा गांव थाना केसली तहसील देवरी, सागर (मप्र) को जिला न्यायालय सागर ने चौकीदार शंभुदयाल दुबे निवासी आनंद नगर मकरोनिया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिला सत्र न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रशांतकमार सक्सेना के कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को मान्य करते हुए आरोपी हल्कू को सामान्य मानसिक अवस्था का व्यक्ति मानते हुए इस सजा से दंडित किया है।
विचारण के दौरान जज सक्सेना ने एक स्थान पर कहा है कि सोता हुआ व्यक्ति किसी बच्चे के समान होता है। जो अपनी सुरक्षा करने में तात्कालिक रूप से अक्षम होता है। कोर्ट ने सीरियल किलर को सजा देने के लिए मृतक से लूटे गए मोबाइल को सबसे अहम साक्ष्य माना। आरोपी हल्कू आदिवासी को हत्या समेत अन्य आरोपों में 10 वर्ष, 3 वर्ष की सजा समेत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे 10000 रुपये का अर्थदंड भी भुगतना होगा।
सागर की पुलिस ने इस सीरियल किलर को भोपाल से पकड़ा था। उसने बताया था कि मैं फेमस होने के लिए ये हत्याएं कर रहा था। अगस्त 2022 के आखिरी हफ्ते में सागर शहर में आधी रात के बाद अचानक चौकीदारों की हत्या होने लगी। पहला केस भैंसा बाइपास पर एक ट्रक बॉडी बिल्डर कारखाने के चौकीदार कल्याण की हत्या का सामने आया। अज्ञात व्यक्ति ने कल्याण के सिर पर पत्थर पटक कर हत्या कर दी थी। इसके बाद रेलवे स्टेशन पर ग्रीन होटल के बाहर सो रहे व्यक्ति पर भी हमला किया गया। किस्मत से यह व्यक्ति बच गया। तीसरी वारदात आर्ट एवं कॉमर्स कॉलेज में शंभुदयाल की इस हत्या के रूप में सामने आया। चौथी वारदात इस सीरियल किलर ने मोतीनगर रोड पर और पांचवी घटना भोपाल के खजुरिया रोड पर की।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने बताया कि इस मामले में 25 लोगों को गवाह बनाया गया। जिनमें साक्ष्य के रूप में मृतक शंभुदयाल के मोबाइल सेट की अहम भूमिका रही। दरअसल, हत्यारा हल्कू आदिवासी चौकीदार शंभुदयाल का मोबाइल सेट अपने साथ ले गया था। पुलिस उसी के सहारे भोपाल में हत्यारे तक पहुंची थी। मोबाइल पर मृतक के खून के कण भी मिले थे।
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