इंदौर। निगम के सफाई मित्र की हिम्मत देखिए कि दो घंटे में अपने निलंबन के बाद उसने आयुक्त को पत्र लिखकर अपने निलंबन को दो दिन में निरस्त करने को कहा, वरना कोर्ट में घसीटने की चेतावनी भी दे डाली। जनसुनवाई में अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में निगमायुक्त ने प्रभारी स्वास्थ्य सेवा यूनिट राजेश करोसिया, जिसका मूल पद सफाई मित्र है, को फटकार लगाते हुए निलंबित कर दिया था। वहीं आयुक्त का स्पष्ट कहना है कि जिस महिला को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा रही है, वही पात्र है और ऐसे तमाम प्रकरणों का अब हम तय समयसीमा में निराकरण करवाएंगे।
मंगलवार को जनसुनवाई में सफाई मित्र पंकज पिता कमल की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी कविता शिकायत लेकर आयुक्त शिवम वर्मा से मिली थी और अपनी अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की थी, जिस पर आयुक्त ने फाइल देखने के बाद नियुक्ति में हुए विलंब को लेकर प्रभारी स्वास्थ्य सेवा यूनिट राजेश करोसिया को जमकर फटकार लगाई और कहा कि दो घंटे में अनुकम्पा नियुक्ति आदेश लेकर आओ, अन्यथा खुद को निलंबित मान लेना।
हालांकि अनुकम्पा नियुक्ति आदेश तीन घंटे बाद जारी हो गया, मगर आयुक्त ने राजेश करोसिया को निलंबित भी कर दिया। उसके बाद करोसिया ने आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि कविता को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नहीं है और इसीलिए उसका आदेश जारी नहीं किया था। अपने समर्थन में उसने मृतक के वारिसों द्वारा दिए गए पत्र भी संलग्न किए और साथ ही कहा कि इस निलंबन की कार्रवाई से उसे मानसिक प्रताडऩा हुई और अब उसे दो दिन में पुन: बहाल किया जाए, अन्यथा वह कोर्ट जाएगा। इधर, आयुक्त शिवम वर्मा से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कविता ही पात्र है, क्योंकि मृतक सफाई मित्र का पहली पत्नी से तलाक हो गया था और उसके बच्चे अभी नाबालिग हैं। ऐसे में दूसरी पत्नी कविता को ही पात्रता होती है। बावजूद इसके दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है और ऐसे अन्य प्रकरणों को भी अब समयसीमा में निराकृत करेंगे। वेरिफिकेशन से लेकर अन्य प्रक्रिया निगम अपने स्तर पर ही करेगा। यानी आयुक्त ने अपने निलंबन और अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश को सही बताया है।
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