लखनऊः उत्तर प्रदेश में नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद सुर्खियों में बने हुए हैं. वह विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) में शामिल होंगे या नहीं उनके बयान के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं. चंद्रशेखर ने एक बयान में अखिलेश यादव के साथ गठबंधन पर कहा कि वह लड़ाई 2022 में कमजोर हुई. उसका परिणाम देख लीजिए बीजेपी सत्ता में है. इस बार भी यह लड़ाई कमजोर हुई और इसी वजह से भी एनडीए सत्ता में है अगर वह साथ होते तो उत्तर प्रदेश के परिणाम कुछ और होते और हो सकता है कि सरकार भी बदली हुई होती.
सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि हम भारतीय संविधान को मानते हैं. संविधान हमें धार्मिक आजादी देता है. आज नेता विपक्ष ने एक स्टेटमेंट दिया जो सत्ता के सांसद हैं और बड़े-बड़े नेताओं ने अपनी बात रखी. यही कहा कि संविधान धार्मिक आजादी देता है आप किसी की आजादी को नहीं छीन सकते. सरकार गार्जियन है अगर आप धर्म के आधार पर डिस्क्रिमिनेशन करते हैं. कावड़ यात्रा 15 दिन चलती है हम उसका सम्मान करते हैं. कई बार परेशानी आती है. कई बार अस्पताल जाना होता है. रोजगार के लिए जाना होता है लेकिन सम्मान करते हुए उसे स्वीकार किया जाता है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि 15 दिन उनकी आस्था का सम्मान करते हुए उसे इजाजत दी जाती है. ईद साल में दो बार होती है, अगर उसका सम्मान करते हुए उसकी अनुमति दी जाए तो उसमें क्या दिक्कत है? सवाल यह है कि जिनके लोग सत्ता या ताकत में नहीं हैं. उनकी आस्था का सम्मान नहीं होना चाहिए क्या? प्रधानमंत्री संविधान के गार्जियन हैं और अगर एक पिता अपने बच्चों में भेदभाव करता है तो यह सही नहीं है. मैं अपनी बात पर अडिग हूं. चाहे सरकार मुझे फांसी चढ़ा दे.
ईद का त्यौहार चला गया मैं अगली बार कोशिश करूंगा कि सरकार सभी धर्म के लोगों को जैन, सिख, बौद्ध और मुस्लिम समाज की आस्था का भी सम्मान करें. यह मेरा सरकार को स्पष्ट कहना है कि अगर सरकार नहीं करेगी तो ठीक है सरकार है तो इसका मतलब यह है कि सबका साथ सबका विकास सच नहीं है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पार्टी का फैसला है कि उपचुनाव मजबूती से लड़ेंगे. पार्टी उसकी तैयारी कर रही है. पिछली बार किन्हीं कारणों से हमने विपक्षी ताकत की वजह से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन इस बार हमारी पार्टी उपचुनाव के लिए तैयार है. हमें भरोसा है कि जनता का प्यार और आशीर्वाद मिलेगा. लोकसभा में नतीजे आए वैसे ही विधानसभा में भी नतीजे आएंगे. कई बार मीडिया वालों ने पूछा कि आप इस पर स्टैंड है या नहीं? हक की बात कहने में मुझे कोई परहेज नहीं है. चाहे मुझे कांटों पर चलना पड़े या कितनी भी मुसीबत आ जाए मैं हक की बात पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा. कमजोरों के ऊपर अगर अत्याचार होता तो मैं बोलूंगा चुप नहीं रहूंगा.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जो समीकरण हमने बनाए थे, नगीना में वह इतना मजबूत समीकरण है. किसानों का मजदूरों का दलितों का पिछड़ों का और मुसलमान का हम उत्तर प्रदेश उसमें जीत सकते हैं. हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि हम अपने दल को ताकत दें. हमारे बाद जो लीडरशिप आएगी वह कमजोरों के हक में लड़ेगी. अन्याय के खिलाफ चुप नहीं रहेगी.
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