नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा राम मंदिर आंदोलन की बड़ी नेता के रूप में जानी और पहचानी जाने वाली साध्वी उमा भारती ने आज एक निजी न्यूज चैनल के साथ अयोध्या के मसले पर अपने मन की बात पूरी तरह से खुलकर कह दी है। साध्वी उमा भारती ने कहा कि अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन पर जाने का अगर मुझे मौका मिला तो मैं वहां जरूर जाऊंगी । हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक मुझे भूमि पूजन में जाने के लिए कोई अधिकारिक निमंत्रण राम मंदिर निर्माण तीर्थ ट्रस्ट की ओर से नहीं आया है। उमा भारती ने यह भी कहा कि देश भर में कोरोना वायरस कॉल के चलते राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है, जिस पर ट्रस्ट और पीएमओ जरूर विचार कर रहे होंगे, क्योंकि नियमों का पालन करना भी जरूरी है । उमा भारती ने साफ-साफ कहा कि राम मंदिर आंदोलन सिर्फ और सिर्फ आस्था और राष्ट्रीयता का मुद्दा है । लाखों-करोड़ों हिंदू समाज के लोगों की आस्था अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ी हुई हैं, उनमें से एक मैं भी हूं। मैंने तो राम मंदिर आंदोलन में शुरू से ही बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है । मैं मरने से भी नहीं डरी हूं । दो बार तो ऐसी स्थिति बनी कि मुझे भी गोली लग सकती थी, लेकिन मैं बच गई। मैं अब भी गर्व से कहती हूं कि राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने पर मुझे गर्व है । उमा भारती ने यह भी कहा कि देश और दुनिया भर का हिंदू समाज अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए काफी उत्सुक है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग एवं सारे नियमों का पालन करते हुए ही भूमि पूजन होगा। उमा भारती ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को एक बार फिर से नसीहत देते हुए अपील की है कि वह राम मंदिर निर्माण को लेकर देश का माहौल खराब ना करें। उन्होंने पवार पर यह भी तंज कसते हुए कहा कि वे इस मामले पर देश में जहर फैलाना चाहते हैं, लेकिन कभी कामयाब नहीं होंगे। पूरा देश एक मत से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मान चुका है । उमा भारती ने यह भी साफ साफ कहा कि राम मंदिर आंदोलन भाजपा के लिए कोई चुनावी मुद्दा नहीं था। यह आस्था एवं राष्ट्रीयता का विषय है। उन्होंने दोहराया कि 2014 एवं 2019 में दो बार भाजपा की सरकार नरेंद्र मोदी के नाम पर बनी है , इसमें राम मंदिर का मुद्दा नहीं था।
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