नई दिल्ली। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev, founder of Isha Foundation) को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, उनके ब्रेन में सूजन (brain swelling) बढ़ गई। साथ ही ब्लीडिंग भी हुई। इसके बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital, Delhi) में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उनकी इमरजेंसी ब्रेन सर्जरी की है। वह पिछले कई दिनों से गंभीर सिरदर्द से जूझ रहे थे, लेकिन 17 मार्च को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें भर्ती कराया गया।
ईशा फाउंडेशन की ओर से उनकी हैल्थ पर अपडेट जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सद्गुरु जानलेवा चिकित्सीय स्थिति से गुजरे हैं। वह फिलहाल ठीक हो रहे हैं। सद्गुरु पिछले चार सप्ताह से गंभीर सिरदर्द से पीड़ित थे। हालांकि बयान में कहा गया है कि गंभीर दर्द के बावजूद वह अपने कार्यक्रम जारी रखते रहे। उन्हेांने 8 मार्च को महाशिवरात्रि कार्यक्रम भी आयोजित किया।
इसके बाद जब वह 14 मार्च को दिल्ली पहुंचे तो सिरदर्द तेज होने लगा। जब यह बेहद गंभीर स्थिति पर पहुंच गया तो इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विनीत सूरी की सलाह ली गई। उन्होंने सद्गुरु की उसी दिन शाम 4:30 बजे एक एमआरआई की। जिसमें उनके ब्रेन में ब्लीडिंग का पता चला। करीब 3-4 सप्ताह पुरानी ब्लीडिंग के साथ ही एक और फ्रैश ब्लीडिंग का भी पता चला।
इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईशा फाउंडेशन का तो यहां तक कहना है कि इस दौरान सद्गुरु ने डॉक्टरों से कहा कि उन्होंने पिछले 40 साल में कभी भी एक भी बैठक नहीं छोड़ी है। 17 मार्च को सद्गुरु की न्यूरोलॉजिकल स्थिति काफी खराब हो गई। उनका बायां पैर भी कमजोर हो गया। उन्हें बार-बार उल्टी के साथ सिरदर्द होने लगा। तब सीटी स्कैन से मस्तिष्क की सूजन का पता चला, जिससे उनके जीवन को खतरा हो सकता था।
सद्गुरु के इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है। जिसमें डॉ. विनीत सूरी, डॉ. प्रणव कुमार, डॉ. सुधीर त्यागी और डॉ. एस चटर्जी शामिल हैं। सर्जरी के बाद सद्गुरु को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है। अब उनकी रिकवरी उम्मीद से बेहतर हुई है। डॉ. सूरी के अनुसार हमारी ओर से दिए जा रहे मेडिकेशन के अलावा सद्गुरु खुद को ठीक कर रहे हैं। अब उनका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह बात करते नजर आ रहे हैं।
सद्गुरु जगदीश वासुदेव को जग्गी वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है। देश-विदेश में उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं। मैसूर में जन्मे जग्गी वासुदेव की उम्र 66 साल है और वे एक धर्मगुरु हैं। उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से इंग्लिश में ग्रेजुएशन किया है। वह कोयंबटूर स्थित ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और प्रमुख भी हैं। ईशा फाउंडेशन आश्रम और योग केंद्र संचालित करता है। साथ ही शैक्षिक और आध्यात्मिक गतिविधियां भी संचालित की जाती हैं।
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