नई दिल्ली. मद्रास (Madras) उच्च न्यायालय (High Court) की ओर से पुलिस को फाउंडेशन के खिलाफ सभी आपराधिक मामलों का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश के संबंध में ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) ने गुरुवार (3 अक्टूबर 2024) को एक याचिका दायर की. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ईसा फाउंडेशन को राहत दी और मद्रास हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें पूरी संस्था के खिलाफ जांच की बात कही गई थी. CJI ने कहा, “हम हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रहे हैं.
इससे पहले इस मामले में सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए. रोहतगी ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि अपनी इच्छा से संन्यास लेने वाली 2 साध्वियों के परिवार के नाम पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल हुई. मद्रास हाई कोर्ट ने पूरी संस्था के खिलाफ जांच का आदेश दे दिया. अब पुलिस आश्रम के सैकड़ों लोगों से पूछताछ कर रही है. निश्चित रूप से यह किसी के इशारे पर हो रहा है. दोनों साध्वियां ऑनलाइन जुड़ी हैं. आप उनसे बात कर सकते है.”
साध्वी ने कहा- आरोप गलत, मेरे पिता 8 साल से परेशान कर रहे
मुकुल रहतोगी की दलीलें सुनने के बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि निश्चित रूप से पुलिस या सेना को इस तरह किसी आश्रम में नहीं भेजा जा सकता. इसके बाद उन्होंने एक साध्वी से बात की और कुछ सवाल पूछा. इस सवाल के जवाब में साध्वी ने कहा कि मैंने अपनी इच्छा से संन्यास लिया. हाई कोर्ट के जज को भी बताया कि मेरे पिता 8 साल से मुझे और आश्रम को परेशान कर रहे हैं. साध्वी की बातें सुनकर सीजेआई ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
सुप्रीम कोर्ट ने लीगल सर्विस अथॉरिटी को दिए ये आदेश
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन आश्रम जाएं. दोनों साध्वियों से बात करें और हमें रिपोर्ट दें. इस पर रोहतगी ने कहा कि आप खुद उनसे बात करें. इस पर सीजेआई ने पहली साध्वी से पूछा कि क्या आपकी बहन भी आपके साथ हैं. साध्वी ने बताया कि वह भी 5 मिनट में आ जाएगी. सीजेआई ने इसके बाद कहा कि हम हम चैंबर में आप दोनों से बात करेंगे.
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