नई दिल्ली. शनि ग्रह(Saturn planet) का राशि बदलना राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या (half sati and dhaiya) शुरू करता है. साथ ही कुछ राशियों को इनसे मुक्ति भी देता है. शनि ऐसे ग्रह हैं, जो जिस राशि में रहते हैं, उस पर तो अहम असर डालते ही हैं, उससे एक आगे और एक पीछे की राशि पर भी बड़ा असर डालते हैं. 29 अप्रैल 2022 को शनि ढाई साल बाद राशि बदलने जा रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर उन राशियों पर होगा, जिन पर साढ़े साती-ढैय्या शुरू होगी या खत्म होगी.
इस राशि पर शुरू होगी साढ़ेसाती
शनि के अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करते ही मीन राशि (Pisces) के जातकों पर साढ़े साती शुरू हो जाएगी और धनु राशि वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी. ऐसे में मीन राशि के जातकों का चिंतित होना लाजिमी है क्योंकि साढ़े साती साढ़े सात साल तक चलती है. ऐसे में इन लोगों के लिए जरूरी है कि वे साढ़े साती के बुरे असर से बचने के लिए अभी से कुछ उपाय करना शुरू कर दें.
साढ़े साती में खूब राहत देते हैं यह उपाय
शनि कर्मों के मुताबिक फल देने वाले देवता हैं इसलिए उनके प्रकोप से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि अच्छे कर्म किए जाएं. इसके लिए दान-पुण्य करना और असहाय, मेहनतकश लोगों की मदद करना सबसे कारगर तरीका है. ऐसा करने वालों से शनि देव हमेशा प्रसन्न रहते हैं.
– जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है वो लोग शनिवार को किसी गरीब व्यक्ति को काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने का दान करें.
– मजदूरों, महिलाओं, दिव्यांगों की मदद करें. गलती से भी ना तो इनका अपमान करें और ना ही इन पर अत्याचार करें.
– साढ़े साती और ढैय्या से राहत पाने के लिए हर शनिवार को पीपल के पेड़(peepal tree) के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाना भी बहुत लाभ देता है. इससे कई समस्याएं खत्म होती हैं और आर्थिक उन्नति होती है.
– शनिवार को ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ और ‘ऊं शं शनिश्चरायै नमः’ मंत्रों का जाप करना आपको सकारात्मकता से भर देगा. साथ ही शनि देव की कृपा से हर काम आसानी से बनने लगेगा.
– शनि के प्रकोप(peepal tree) से राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका है संकटमोचक हनुमान की शरण में चले जाना. इसके लिए शनिवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पढ़ें. गरीबों को दान दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved