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    Uttarakhand में बारिश के कारण हुई जानमाल की क्षति से व्यथित हूं : प्रधानमंत्री

  • October 20, 2021

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश (Heavy rain) के कारण हुई जानमाल की क्षति पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं।

    प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है। मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं।”


    इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर राज्य में बारिश से हुए नुकसान व राहत कार्यों की जानकारी ली थी। उन्होंने केंद्र की ओर से राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया।

    उत्तराखंड में काल बन गई बारिश, 31 की मौत,आठ लापता
    उत्तराखंड में पिछले दो दिनों की लगातार भारी बारिश से पहाड़ से लेकर मैदान तक में आई आपदा से जानमाल को बहुत नुकसान पहुंचा है। राज्य में अलग-अलग जगहों में इस आपदा में आज अभी तक कुल 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सोमवार को भी छह मौतें हुई थीं, जबकि आठ से अधिक लोग लापता और घायल बताए जा रहे हैं।

    इसके कारण राज्यभर में सात से अधिक भवन पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। चार राष्ट्रीय राजमार्ग और चार बॉर्डर मार्ग सहित करीब 80 ग्रामीण मोटर सहित अन्य मार्ग बाधित हैं। जिस खोलने का कार्य जारी है। मुख्यमंत्री, मंत्री, डीजीपी ने नैनीताल, रुद्रपयाग्र सहित राज्य का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार के लिए धैर्य का समय है। सरकार लोगों के साथ खड़ी है। वायुसेना के हेलीकाप्टर भी राहत बचाव कार्य में लगे हुए हैं।

    राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र की आज की जानकारी के अनुसार कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में कुल 18 लोगों की बारिश के कारण आपदा में मौत हुई है। एक लापता है और पांच लोग घायल हुए हैं। तीन भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। अल्मोड़ा जिले में छह मौतें हुई हैं। एक लापता है और 2 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। चंपावत में एक मौत, दो-दो लापता और कुछ लोग घायल हुए हैं। एक भवन क्षतिग्रस्त हुआ है। उधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की सूचना है।

    पहाड़ी इलाकों में बारिश पिछले चौबीस घंटे से कहर बनकर बरसी। दो दिनों के बाद देहरादून में माैसम साफ रहा लेकिन कुमाऊं सहित पर्वतीय जनपदों तीसरा दिन प्रकृति का प्रलय लोगों पर भारी पड़ा। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया। इससे नैनीताल में आई आपदा में नौ मजदूर एक ही घर में जिंदा दफन हो गए। नैनीताल में फंसे 150 लोगों और तीन रोडवेज सहित चार बसों को सुरक्षित निकाला गया।

    इस दौरान मजदूरों की झोपड़ी पर रिटेनिंग दीवार गिर गई, जिसमें सात लोग मलबे में दब गए। चंपावत के तेलवाड़ में एक व्यक्ति भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई, जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। अभी कुछ लोग मलबे में फंसे हैं।

    राज्य में बारिश से टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग, स्वाली और भरतोली के पास भू-स्लखन से अवरुध है। इसके अलावा ऋषिकेश, बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, एनएच 58,कीमखोली, रडांग,कंचनगंगा, लामगढ़ के पास और ऋषिकेश गंगोत्री राजमार्ग (एनएच 108) सुक्खी के पास बाधित है,यमुनोत्री मार्ग खुल गया है। ऋषिकेश केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग छोटे बड़े वाहनों के लिए खुला हुआ है। टनकपुर पिथौरागढ़,राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली बैण्ड के पास मलबा आने से बाधित है। पिथौरागढ़ में चार बॉर्डर मार्ग भी अवरुद्ध हैं। इन मार्गों काे विभाग की ओर से खोलने का कार्य जारी है।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार सुबह से ही राज्यभर के आपदाग्रस्त इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के साथ भ्रमण पर हैं। रुद्रप्रयाग के साथ नैनीताल जनपद का भी भ्रमण किया। कुछ ही देर में वे हल्द्वानी पहुंचने वाले हैं, जहां वह गौला पुल सहित नैनीताल जनपद के अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे। मुख्यमंत्री के साथ डीजीपी और आपदा मंत्री धन सिंह रावत भी हवाई सर्वेक्षण के दौरान साथ रहे।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार संकट में लोगों के साथ पूरी मुस्तैदी से खड़ी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न मंडलों का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया है। इसके साथ ही जिलाधिकारी भी अपने स्तर पर इसका आकलन करवा रहे हैं और राहत-बचाव कार्यों पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राज्य को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। यही नहीं राहत और बचाव कार्य में वायु सेना के हेलीकाप्टर भी लग गए हैं।

    कुमाऊं मंडल डीआईजी नीलेश भरणे ने बताया कि नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर और रामगढ़ इलाके आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाए गए हैं। कुमाऊं मंडल में तेजी से आपदा राहत कार्य चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौत के आंकड़ों में इजाफा हो सकता है। (एजेंसी, हि.स.)

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