• img-fluid

    बलिदान दिवस विशेषः गांधीजी की बातों का होता था जादुई असर

  • January 30, 2022

    – योगेश कुमार गोयल

    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनपर्यन्त देशवासियों के लिए आदर्श नायक बने रहे। स्वतंत्रता आन्दोलन में उनके अविस्मरणीय योगदान से तो पूरी दुनिया परिचित है। अहिंसा की राह पर चलते हुए भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गांधी जी ने अपनी स्पष्टवादिता और अहिंसक विचारों से पूरी दुनिया को प्रभावित किया था। उन्हीं के द्वारा दिखलाए मार्ग पर चलते हुए लाखों-करोड़ों भारतीय देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ईमानदारी, स्पष्टवादिता, सत्यनिष्ठा और शिष्टता के अनेक किस्से प्रचलित हैं। इन्हीं में कुछ ऐसे प्रसंग भी सामने आते हैं, जब उनकी बातें सुनकर उनके सम्पर्क में आए व्यक्ति का हृदय परिवर्तन हो जाता था। दरअसल, लोगों के दिलोदिमाग पर उनकी बातों का जादू सा असर होता था।

    गांधी जी एक बार सरोजिनी नायडू के साथ बैडमिंटन खेल रहे थे। श्रीमती नायडू के दाएं हाथ में चोट लगी थी। यह देख गांधी जी ने भी अपने बाएं हाथ में ही रैकेट पकड़ लिया। श्रीमती नायडू का ध्यान जब उस ओर गया तो वह खिलखिलाकर हंस पड़ीं और कहने लगीं, ‘‘आपको तो यह भी नहीं पता कि रैकेट कौनसे हाथ में पकड़ा जाता है?’’ बापू ने जवाब दिया, ‘‘आपने भी तो अपने दाएं हाथ में चोट लगी होने के कारण बाएं हाथ में रैकेट पकड़ा हुआ है और मैं किसी की भी मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहता। अगर आप मजबूरी के कारण दाएं हाथ से रैकेट पकड़कर नहीं खेल सकतीं तो मैं अपने दाएं हाथ का फायदा क्यों उठाऊं?’’

    आजादी की लड़ाई के दिनों में गांधी जी सश्रम कारावास की सजा भुगत रहे थे। एक दिन जब उनके हिस्से का सारा काम समाप्त हो गया तो वे खाली समय में एक ओर बैठकर एक पुस्तक पढ़ने लगे। तभी जेल का एक संतरी दौड़ा-दौड़ा उनके पास आया और उनसे कहने लगा कि जेलर साहब जेल का मुआयना करने इसी ओर आ रहे हैं, इसलिए वो उनको दिखाने के लिए कुछ न कुछ काम करते रहें लेकिन गांधी जी ने ऐसा करने से साफ इन्कार कर दिया और कहा, ‘‘इससे तो बेहतर होगा कि मुझे ऐसे स्थान पर काम करने के लिए भेजा जाए, जहां काम इतना अधिक काम हो कि उसे समय से पहले पूरा किया ही न जा सके।’’

    एक बार गांधी जी चम्पारण से बेतिया रेलगाड़ी में सफर कर रहे थे। गाड़ी में अधिक भीड़ न होने के कारण वे तीसरे दर्जे के डिब्बे में जाकर एक बर्थ पर लेट गए। अगले स्टेशन पर जब रेलगाड़ी रुकी तो एक किसान उस डिब्बे में चढ़ा। उसने बर्थ पर लेटे हुए गांधी जी को अपशब्द बोलते हुए कहा, ‘‘यहां से खड़े हो जाओ। बर्थ पर ऐसे पसरे पड़े हो, जैसे यह रेलगाड़ी तुम्हारे बाप की है।’’ किसान को बिना कुछ कहे गांधी जी चुपचाप उठकर एक ओर बैठ गए। तभी किसान बर्थ पर आराम से बैठते हुए मस्ती में गाने लगा, ‘‘धन-धन गांधी जी महाराज! दुःखियों का दुःख मिटाने वाले गांधी जी …।’’

    दिलचस्प बात यह थी कि वह किसान कहीं और नहीं, बल्कि बेतिया में गांधी जी के दर्शनों के लिए ही जा रहा था लेकिन इससे पहले उसने गांधी जी को कभी देखा नहीं था, इसलिए रेलगाड़ी में उन्हें पहचान नहीं सका। बेतिया पहुंचने पर स्टेशन पर जब हजारों लोगों की भीड़ ने गांधी जी का स्वागत किया, तब उस किसान को वास्तविकता का अहसास हुआ और शर्म के मारे उसकी नजरें झुक गई। वह गांधी जी के चरणों में गिरकर उनसे क्षमा याचना करने लगा। गांधी जी ने उसे उठाकर प्रेमपूर्वक अपने गले से लगा लिया।

    ऐसी ही एक घटना दक्षिण अफ्रीका की है। एक प्रसिद्ध भारतीय व्यापारी रूस्तम जी गांधी जी के मुवक्किल और निकटतम सहयोगी भी थे। वे अपने सभी कार्य अक्सर गांधी जी की सलाह के अनुसार ही किया करते थे। उस दौरान तत्कालीन कलकत्ता और बम्बई से उनका काफी सामान आता था, जिस पर वे प्रायः चुंगी चुराया करते थे। उन्होंने यह बात सदैव गांधी जी से छिपाकर रखी। एक बार चुंगी अधिकारियों द्वारा रूस्तम जी की यह चोरी पकड़ ली गई और उनके जेल जाने की नौबत आ गई। वे दौड़े-दौड़े गांधी जी के पास पहुंचे और उन्हें पूरा वृतांत सुना डाला। गांधी जी ने उनकी पूरी बात गौर से सुनने के बाद उन्हें उनके अपराध के लिए कड़ी फटकार लगाई और सलाह दी कि तुम सीधे चुंगी अधिकारियों के पास जाकर अपना अपराध स्वयं स्वीकार कर लो, फिर भले ही इससे तुम्हें जेल की सजा ही क्यों न हो जाए।

    गांधी जी की सलाह मानकर रूस्तम जी उसी समय चुंगी अधिकारियों के पास पहुंचे और अपना अपराध स्वीकारते हुए भविष्य में फिर कभी ऐसा अपराध नहीं करने का वचन दिया। चुंगी अधिकारी उनकी स्पष्टवादिता से काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने उन पर मुकद्दमा चलाने का विचार त्यागकर उनसे चुंगी की बकाया राशि से दोगुनी राशि वसूलकर उन्हें छोड़ दिया। ऐसा था गांधी जी का बातों का लोगों के दिलोदिमाग पर जादुई असर।

    (लेखक स्वतंत्र पत्रकार व स्तंभकार हैं।)

    Share:

    Pro Kabaddi : गुजरात को हराकर अंक तालिका में टाप पर पहुंची दिल्ली

    Sun Jan 30 , 2022
    बैंगलुरु। प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League 2021-22) के 81वें मुकाबले में दबंग दिल्ली (Dabang Delhi) ने गुजरात जायंट्स (Gujarat Giants) को 41-22 से हरा दिया है। लगातार दो हार के बाद जीत हासिल करने वाली दिल्ली ने अंक तालिका में पहला स्थान हासिल कर लिया है। सीजन की छठी हार झेलनी वाली गुजरात की […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved