नई दिल्ली । क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत के मास्टर ब्लास्टर (master Blaster) के नाम आज भी क्रिकेट (Cricket) के दुनिया के ऐसे रिकार्ड हैं, जो शायद कभी नहीं टूटेंगे. इंटरनेशनल क्रिकेट (International cricket) में उनके नाम सौ शतक हैं. अभी हाल फिलहाल कोई भी उन्हें तोड़ता नजर नहीं आता. क्रिकेट में आज भी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) युवाओं के रोल मॉडल हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सचिन तेंदुलकर को अपने क्रिकेट जीवन में दो काम न कर पाने का आज भी मलाल है. वैसे तो सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) हर सपना पूरा हो चुका है, लेकिन दो काम वे नहीं कर पाए और वे दोनों काम ऐसे हैं, जो कभी पूरे होंगे भी नहीं.
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा है कि दो दशक से भी अधिक समय तक शानदार करियर रहने के बावजूद उन्हें अपने जीवन में हमेशा दो बातों का मलाल रहेगा. सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मुझे दो बातों का मलाल है. पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर (Sunil gavaskar) के साथ नहीं खेल पाया. जब मैं बड़ा हो रहा था तो सुनील गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे. एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा. वो मेरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International cricket) में डेब्यू करने से कुछ पहले ही संन्यास ले चुके थे.
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मेरे बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्डस (Sir Vivian Richards) के खिलाफ नहीं खलेने का मेरा दूसरा मलाल है. मैं भाग्यशाली था कि मैं उनके खिलाफ काउंटी क्रिकेट में खेल पाया. लेकिन मुझे अब भी उनके खिलाफ एक इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाने का मलाल है. भले ही रिचर्डस साल 1991 में रिटायर्ड हुए और हमारे करियर में कुछ साल उतार चढाव के हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला. सचिन तेंदुलकर के नाम शतकों का शतक के अलावा अभी भी टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है. भारत के लिए 200 टेस्ट और 463 वनडे मैच खेलने वाले तेंदुलकर के नाम टेस्ट में 51 और वनडे में 49 शतक दर्ज हैं. सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन अभी भी वे कहीं न कहीं क्रिकेट खेलते हुए नजर आ ही जाते हैं.
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