जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (sachin pilot) ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) से मुलाकात की. राजस्थान मंत्रिमंडल (Rajasthan Cabinet Reshuffle) में जल्द फेरबदल होने और राजनीतिक नियुक्तियों की संभावना के बीच यह बैठक हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले पायलट की बुधवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई थी.
अशोक गहलोत ने भी गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और कहा था कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में फैसला उन्होंने आलाकमान पर छोड़ दिया है. गहलोत ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने विचार पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखे हैं और आपस में हुई बातचीत के आधार पर जो भी फैसला होगा, वो सबको मंजूर होगा. इससे पहले, अशोक गहलोत की यहां बुधवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ लंबी बैठक हुई जिसमें मंत्रिमंडल के विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई है.
‘एक नेता-एक पद’ के फॉर्मूले की नीति होगी लागू
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस ‘एक नेता-एक पद’ के फॉर्मूले की नीति को लागू कर सकती है. ये मंत्रिमंडल विस्तार 15 से 20 नवंबर के बीच किया जा सकता है. पार्टी के अंदर से ये बात को हवा मिल रही है कि कैबिनेट फेरबदल में ‘एक नेता, एक पद’ का फॉर्मूला होगा. इस फॉर्मूले के मद्देनजर गहलोत मंत्रिमंडल के तीन वरिष्ठ सदस्यों को उनके पद से हटाए जाने की संभावना है क्योंकि उन्हें पहले ही पार्टी में जिम्मेदारी दी जा चुकी है.
राजस्थान पीसीसी प्रमुख गोविंद डोटासरा, पंजाब के एआईसीसी प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात के एआईसीसी प्रभारी रघु शर्मा के फेरबदल से बाहर होने की संभावना है. उन्होंने खुद पार्टी के लिए काम करने का अनुरोध किया है.
सचिन पायलट गुट के 6 विधायक बन सकते हैं मंत्री
सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार में सचिन पायलट के समर्थक 5 से 6 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. इस बीच बुधवार को ही सचिन पायलट ने भी संगठन महासचिव केसी वेणु गोपाल से मुलाकात की थी. पायलट पहले ही इस सिलसिले में प्रियंका गांधी से मिल चुके हैं. जानकारी के मुताबिक पायलट ने फिर नेतृत्व से मांग की थी कि उनसे किए गए वादों को पूरा किया जाए और उनके समर्थक विधायकों को मंत्री बनाया जाए. पायलट ये भी चाहते हैं कि इस बार के विस्तार में दलित चेहरों को भी मौका मिले.
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