जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) में गहलोत और पायलट (Gehlot and Pilot) के बीच सुलह के बाद पायलट कैंप बेहद उत्साहित है। पायलट कैंप के नेता अपनी जीत के तौर पर पेश कर रहे है। कांग्रेस (Congress) चुनाव में गहलोत को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेगी। पायलट कैंप यहीं चाहता था। खुद सचिन पायलट कह रहे हैं कि सामूहिकता से चुनाव लड़ेंगे। जीतेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का तर्क है कि सीएम गहलोत को चुनाव में सीएम फेस घोषित नहीं करना सचिन पायल की दबाव में लिया गया फैसला है। जबकि कुछ माह पहले एआईसीसी ने सीएम गहलोत को सीएम फेस के तौर पर प्रस्तुत करने के संकेत दिए थे।
सीएम गहलोत भी कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री ही सीएम फेस होता है। चुनाव से पहले गहलोत समर्थक चौथी बार सीएम बनने का दांवा कर रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद गहलोत समर्थक चुप हो गए हैं। पायलट कैंप से जुड़े नेताओं का कहना है कि सुलह के बाद पायलट को संगठन में हिस्सेदारी मिलेगी। पायलट समर्थकों को पद दिए जाएंगे। जल्द ही राजस्थान पीसीसी और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में पायलट समर्थकों को तवज्जो दी जाएगी। जैसे सरकार में पायलट समर्थकों को जगह मिली थी। वैसे ही संगठन में भी जगह दी जाएगी।
चुनाव गहलोत के चेहरे के पर नहीं लड़ा जाए
राजनीतिक विश्लेषकों का तर्क है कि सचिन पायलट कैंप के विधायक चाहते थे कि चुनाव गहलोत के चेहरे के पर नहीं लड़ा जाए। बता दें पार्टी के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने साफ कह दिया है कि कांग्रेस में सीएम फेस घोषित करने की परंपरा नहीं रही है। सामूहिकता पर चुनाव लड़ा जाएगा। सचिन पायलट का कहना है कि अब भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो। सरकार रिपीट होगी। चुनाव में सब मिलकर काम करेंगे। बता दें राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही चुनाव की तैयार शुरू कर दी है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले पार्टी में पड़ी फूट खत्म कर दी है। कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की बात है।
साढ़े चार साल से जारी थी अदावत
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में बीते साढ़े चार साल के दौरान गहलोत-पायलट कैंप के बीच अदावत जारी है। पायलट समर्थक गाहे-बगाहे सीएम अशोक गहलोत को निशाने पर लेते रहे हैं। सचिन पायलट ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा कर अपने इरादे साफ कर दिए थे। पायलट का कहना था कि करप्शन के जो मुद्दे उठाए हैं। उन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। पायलट ने तीन डिमांड सीएम गहलोत के सामने रखी। हालांकि, सीएम गहलोत ने पायलट की कुछ मांगों मानने के संकेत भी दिए है। बता दें पायलट ने 2020 में बगावत कर सरकार को संकट में डाल दिया था।
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