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    साबरमती जेल में कैद गैंगस्टर अतीक अहमद मुठभेड़ की आशंका से डरा

  • October 24, 2020

    अहमदाबाद । माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पहले पंजाब जेल से उत्तर प्रदेश लाने की खबर आते ही पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य का बहाना बनाकर उन्हें माफिया अंसारी को उत्तर प्रदेश ले जाने की मंजूरी नहीं दी। आज ऐसे ही एक और मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद मुठभेड़ होने की आशंका से भयाक्रांत होने की खबर आयी है। गैंगस्टर अतीक ने आरोप लगाया कि एक पुलिसकर्मी जो जेल में बयान लेने आया था, उसने उसे मुठभेड़ की जानकारी दी थी। अदालत में पेश होने के तरीके के साथ एक हत्या की साजिश रची जा रही है। वर्ष 2019 में बागपत जेल में प्रदर्शनकारियों के साथ मुन्ना बजरंगी को पुलिस-एसटीएफ ने मार दिया है। अतीक ने लंबित मामलों में समन जारी नहीं करने के लिए एक वकील से आवेदन भी मांगा है।

    उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद जिनके खिलाफ अब तक लगभग 250 मामले दर्ज किए गए हैं। वह डेढ़ साल से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है। जेल में बंद अतीक अहमद आज डरा हुआ है। उसे डर है कि उसके विरोधी नेताओं और पुलिस अधिकारियों ने यूपी में उसकी हत्या की साजिश रची है। यूपी के गैंगस्टर अतीक अहमद को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 16 महीने के लिए अहमदाबाद की साबरमती जेल में रखा गया है। एनकाउंटर की आशंका जताते हुए अतीक अहमद ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए वकील से केस चलाने की मांग की है।

    प्रयागराज और अहमदाबाद के बीच 1450 किलोमीटर की लंबी दूरी है और बाहुबली गंभीर किडनी और रीढ़ की बीमारी से पीड़ित है। उन्हें टाइप एक मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी है। साल 2019 में इसी वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश से अहमदाबाद में विमान से लाया गया था।

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक व्यापारी का अपहरण कर लिया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है, क्योंकि लोग डरते हैं। मोहित जायसवाल नामक व्यवसायी ने घटना के बाद एक समाचार चैनल के साक्षात्कार में गैंगस्टर अतीक अहमद पर आरोप लगाया था। तब अतीक को देवरिया जेल से बरेली जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। जब मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंचा तो सीबीआई को मामला दर्ज करने और जांच करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद अतीक के बेटे समेत 15 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 23 अप्रैल 2019 को यूपी से बाहर भेजने का आदेश दिया।

    अतीक अहमद को 2012 में जेल हुई थी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी से पर्चा भी भरा। अतीक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी। एक नहीं बल्कि 10 जजों ने इसे सुनने से इनकार कर दिया। आखिरकार 11वें न्यायाधीश ने जमानत याचिका पर सुनवाई की और अतीक को जमानत पर रिहा कर दिया गया। मारे गए राजू पाल की पत्नी पूजा उपचुनाव लड़ीं और हार गईं।

    अतीक अहमद ने आरोप लगाया कि एक पुलिसकर्मी जो जेल में बयान लेने आया था, उसने उसे मुठभेड़ की जानकारी दी थी। अदालत में पेश होने के तरीके के साथ एक हत्या की साजिश रची जा रही है। पहले भी कई कैदी इस तरह से मारे जा चुके हैं। वर्ष 2019 में बागपत जेल में प्रदर्शनकारियों के साथ मुन्ना बजरंगी को पुलिस-एसटीएफ ने मार दिया है। अतीक ने लंबित मामलों में समन जारी नहीं करने के लिए एक वकील से आवेदन करने की बात कही है।

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