भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) साथी (Sustainable Agriculture Through Holistic Integration) परियोजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। यह परियोजना के किसानों की आय को दोगुना करने में कारगार साबित होगी। साथ सरकार के लक्ष्य की पूर्ति करेगी। योजना को व्यवहारिक स्वरूप दिया जाए, जिससे इसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिले। इस योजना की नोडल एजेंसी नाफेड (Nodal Agency Nafed) केा बनाया गया है। नाफेड इसकी विस्तृत कार्य-योजना बनाकर केन्द्र सरकार को भेजेगी, जिससे वहां से फंड मिल सकते। योजना प्रारंभ में पाइलेट प्रोजेक्ट (Pilates Project) के रूप में प्रदेश के 5 जिलों के 10 विकासखण्डों में लागू होगी।
26 जिलों में चलेगी योजना
नाफेड के मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम चरण में यह योजना प्रदेश के 26 जिलों गुना, सतना, अशोकनगर, ग्वालियर, रीवा, मुरैना, अलीराजपुर, बालाघाट, बड़वानी, छतरपुर, धार, पन्ना, राजगढ़, श्योपुर, शहडोल, शिवपुरी, टीकमगढ़, झाबुआ, सीहोर, कटनी, रायसेन, अनूपपुर, सिवनी, देवास, उमरिया सहित दमोह के 100 विकासखण्डों के लिए बनाई गई है। योजना के अंतर्गत 100 साथी बाजार, 7319 वेअर हाउस, 2133 कोल्ड स्टोरेज, 405 ग्रेडिंग यूनिट तथा 2126 कृषि उत्पाद प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। इन पर लगभग 3 हजार 380 करोड़ रूपये का अनुमानित व्यय होगा।
योजना के होंगे 5 घटक
साथी योजना के 5 घटक साथी कृषक समूह, साथी प्र-संस्करण केन्द्र, साथी उद्योग, साथी बाजार तथा कॉमन फेसिलिटी सेंटर होंगे। गाँवों में एक समान उत्पादन करने वाले किसानों के समूह बनाए जाएंगे। उत्पादों के भंडारण एवं प्राथमिक मूल्य संवर्धन का कार्य पंचायत स्तर पर साथी प्र-संस्करण केन्द्र करेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved