बेरूत । संकट से गुजर रहे लेबनान (Lebanon) में बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति माइकल आउन (President Michael Aoun ) ने पूर्व प्रधानमंत्री साद हरीरी (Saad Hariri) को नई सरकार का गठन करने के लिए आमंत्रित किया है । इसी के साथ एक साल पहले भ्रष्टाचार व डूबती अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर देशव्यापी प्रदर्शन के बाद पद से हटाए गए हरीरी का चौथी बार प्रधानमंत्री पद संभालना तय हो गया है।
राष्ट्रपति ने वेटरन राजनेता को संसद सदस्यों की तरफ से मामूली बहुमत मिलने के बाद अगली सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। हालांकि 50 वर्षीय हरीरी के सामने अगस्त में 200 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले भयानक विस्फोट में तबाह हो गई राजधानी बेरूत के अलावा कमजोर लेबनान को संवारने की चुनौती होगी। साथ ही उनका सामना एक बेहद मजबूत विपक्ष से भी होगा।
लेबनान इस समय ऐसा संकट झेल रहा है जैसा उसने पिछले कई दशकों में नहीं देखा. आर्थिक संकट, सामाजिक असंतोष, कोरोना महामारी और राजधानी बेरूत के विस्फोटों से थरथराने की घटना से इस मध्य पूर्वी देश की परेशानियां और गहरा गई हैं। पंद्रह सालों तक गृहयुद्ध झेल चुका लेबनान पहली बार इतनी खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहा है. 1975 से 1990 तक लेबनान गृहयुद्ध की चपेट में रहा. इसके बाद भी दो दशक से लंबे समय तक सीरिया की सेनाएं देश में रहीं और लेबनान में अपना प्रभुत्व बनाए रखा ।
बतादें कि लेबनान पर 92 अरब डॉलर का कर्ज है जो कि उसकी जीडीपी के 170 फीसदी के आसपास है. देश की आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीती है और करीब 35 फीसदी लोग बेरोजगार हैं ।
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