मॉस्को (Moscow)। विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar.) ने गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी (Saint Petersburg State University) में भारतीय छात्रों के साथ संवाद (Communicate with Indian students) के दौरान कहा कि भारत और रूस के बीच का रिश्ता (Relationship between India and Russia) सिर्फ राजनीति या कूटनीति या अर्थशास्त्र का नहीं, यह कुछ ज्यादा ही गहरा है। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस समझ और जुड़ाव में बुद्धिजीवियों की भूमिका और विद्वानों का योगदान महत्वपूर्ण है।
बता दें, जयशंकर रूस की पांच दिन की यात्रा पर हैं। छात्रों के साथ चर्चा में उन्होंने कहा कि भारत और रूस हमेशा नए संपर्क, साझा बिंदु खोजने की कोशिश कर रहे हैं और बौद्धिक जगत बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों के बारे में दूसरे देश या समाज निर्णय लें, इसके बजाय हमें एक-दूसरे के बारे में प्रत्यक्ष समझ रखने की जरूरत है।
25 वर्षों में भारत विकसित देश बन जाएगा…
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत चार लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर है। हम जैसा प्रयास कर रहे हैं, अगले 25 वर्षों में हम विकसित देश बन जाएंगे। विकसित देश का मतलब सिर्फ एक विकसित अर्थव्यवस्था नहीं है, यह एक ऐसा देश भी है जो अपनी परंपराओं, विरासत और संस्कृति के प्रति जागरूक, सचेत और गौरवान्वित है।
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