नई दिल्ली: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) ने इमरान खान का नाम लिए उनकी सरकार गिराने के पीछे अमेरिकी साजिश के आरोपों को नकार दिया है. दरअसर सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर जो हालिया बयान दिया है वह प्रधानमंत्री इमरान खान के उन सभी बयानों से बिल्कुल मेल नहीं खाते, जो उन्होंने पहले दिये हैं. बाजवा ने स्पष्ट शब्दों में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को एक दुखद घटना करार दिया और कहा कि इसे किसी भी कीमत पर तुरंत रोका जाना चाहिए.
‘इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता’ (Islamabad Security Talks) सम्मेलन में बोलते हुए सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ उत्कृष्ट और रणनीतिक संबंधों का एक लंबा इतिहास साझा करता है, जो उसका सबसे बड़ा निर्यात बाजार है. उन्होंने कहा, “हम एक-दूसरे के साथ अपने संबंधों को प्रभावित किए बिना अपने रिश्तों को और व्यापक बनाना चाहते हैं.” अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्ते में आई गिरावट को कम करने के मद्देनजर बाजवा का यह बयान काफी अहम है क्योंकि हाल ही में पीएम इमरान खान ने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने का “लगभग” आरोप लगाया है.
राजनीतिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को अपने संबोधन में धमकी वाले पत्र के लिए अमेरिका का नाम लिया, जिसे उन्होंने अपनी सरकार को बेदखल करने की साजिश के कथित ‘सबूत’ के तौर पर पेश किया है. इस्लामाबाद में 27 मार्च को आयोजित एक विशाल जनसभा में, खान ने अपनी जेब से कागज का एक टुकड़ा निकाला था और भीड़ के सामने इसे लहराते हुए दावा किया कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए रची गई ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है.
अमेरिका ने जोर देकर कहा है कि उसने देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर पाकिस्तान को कोई पत्र नहीं भेजा. साथ ही, उसने इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिका का हाथ होने के आरोपों का खंडन करने की भी मांग की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने 30 मार्च को कहा कि किसी भी अमेरिकी सरकारी एजेंसी या अधिकारी ने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर पाकिस्तान को पत्र नहीं भेजा है.
जनरल बाजवा ने पाकिस्तान सरकार की तटस्थता के विपरीत यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया. जनरल बाजवा ने कहा कि वह यूक्रेन में संघर्ष के बारे में गहराई से चिंतित हैं और उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी आजादी के बाद से कीव के साथ उत्कृष्ट रक्षा और आर्थिक संबंधों को लगातार बेहतर किया है. उन्होंने कहा कि रूस के साथ संबंध कई कारणों से लंबे समय से ‘ठंडे’ थे. दूसरी ओर, इमरान खान ने रूस के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है और खुले तौर पर यूक्रेन संकट के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने से परहेज किया है.
खान ने 24 फरवरी को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. ये वही दिन था जब रूसी नेता ने यूक्रेन के खिलाफ “विशेष सैन्य अभियान” का आदेश दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा 1999 में मास्को की यात्रा के बाद 23 वर्षों में रूस का दौरा करने वाले खान पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भी बने थे.
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