कीव । यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia’s attack on Ukraine) के 44वें दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने के लिए रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (united nations human rights council) से निलंबित कर दिया है। इससे रूस और बौखला गया है यूक्रेन पर हमले कम करने की जगह और तेज कर दिए है।
बता दें कि यूक्रेनी शहर मैरियूपोल (Ukrainian city Mariupol) में पांच हजार से अधिक नागरिकों को मार डालने का आरोप रूसी सैनिकों पर लगा है। यह आरोप खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पहली बार भारतीय टीवी चैनल से रूबरू हुए और बूचा नरसंहार के साथ-साथ रूस की क्रूरता पर खुलकर लगाए।
जेलेंस्की ने किया यूक्रेन के हालात का जिक्र
इस इंटरव्यू से पहले तक यूक्रेन में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। यहां हालात बेहद खराब हो चुके हैं। लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। रूस सूचनाओं का इस्तेमाल अपने हिसाब से कर रहा है। इसके अलावा बूचा के हालात को लेकर भी लगातार झूठ फैला रहा है।
बूचा के बाद क्या पुतिन से करेंगे बातचीत?
जेलेंस्की से पूछा गया कि आपने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन बूचा नरसंहार सामने आने के बाद भी क्या आप बात करने के इच्छुक हैं? इस सवाल के जवाब पर जेलेंस्की ने कहा, ‘मुझे लगता है कि तबाही रोकने के लिए रूस और पुतिन से बातचीत की जा सकती है। हमारे इलाके में युद्ध हो रहा है, जिसका नुकसान हमें उठाना पड़ रहा है। हमारे लोग परेशान हो रहे हैं और हमें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
यूक्रेन का राष्ट्रपति होने के नाते मैं अपने देश और लोगों का नुकसान नहीं होने देना चाहता हूं। 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद से ही मैं लगातार बातचीत करके मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहा था। मैं युद्ध रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाना चाहता हूं। मैं अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्रीमिया और डोनाबास में बात करने के लिए तैयार हूं। मैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ किसी भी विषय पर बातचीत के लिए तैयार हूं। इस युद्ध को समाप्त करने के अलावा हमारी कोई इच्छा नहीं है।’
संयुक्त राष्ट्र को लेकर क्या बोले जेलेंस्की?
जेलेंस्की ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र बहुत कुछ कर सकता है। अब रूस को अलग-थलग करना ही एकमात्र रास्ता है। अगर दुनिया इस युद्ध को खत्म करना चाहती है तो हमें भारी मात्रा में हथियार दिए जाने चाहिए। हम रूस के किसी भी हिस्से पर कब्जा नहीं करना चाहते हैं। हम बस अपनी जमीन बचाना चाहते हैं। हमने सिर्फ अपनी रक्षा के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया है। अगर रूस को रोकना है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। आज की तारीख में प्रतिबंध किसी भी हथियार से कम नहीं हैं।
भारत के रुख पर भी रखा पक्ष
जेलेंस्की ने कहा, ‘भारत के संबंध रूस से नहीं, सोवियत संघ से है। मैं समझता हूं कि यूक्रेन और रूस के साथ संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखना मुश्किल है। हम मानवीय सहायता के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं, लेकिन पीएम (मोदी) यूक्रेन के सुरक्षा गारंटर बनने के बारे में भी विचार करें।
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