लॉस एंजेल्स । रूस-यूक्रैन युद्ध (Russo-Ukraine War) से कच्चे तेल की कीमतों में आठ प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि हुई है। दुनिया में रूस (Russia in the world) के कच्चे तेल के बहिष्कार से ग्लोबल ब्रेंट क्रूड आयल (crude oil) की कीमतें बढ़कर 113.58 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सस इंटरनेशनल (American West Texas International) की कीमत 109.78 डालर प्रति बैरल हो गई है।
बता दें कि खाड़ी में कच्चे तेल के उत्पादन करने वाले संगठन (ओपेक) के अलावा दुनिया में रूस और अमेरिका ऐसे दो बड़े देश हैं जो दस प्रतिशत से अधिक तेल उत्पादन में क्षमता रखते हैं।
अमेरिका की संवाद समिति सीएनबीसी ने कहा है कि ब्रेंट बैंचमार्क कच्चे तेल में इतनी वृद्धि 2011 के बाद पहली बार हुई है। कहा जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें 120 डालर प्रति बैरल तक जा सकती हैं, जो दुनिया भर के आम तेल उपभोक्ताओं के लिए पीड़ादायक हो सकती है।
अमेरिका के नेतृत्व में मंगलवार को 31 देशों की अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मार्केट में राहत के इरादे से सामरिक कोष से छह करोड़ कच्चे तेल की निकासी का फैसला किया था। कच्चे तेल के विश्लेषकों की मानें तो ओपेक सदस्य देशों की ओर से कच्चे तेल की कीमतों में बहुत जल्दी राहत मिलने की सम्भावना नहीं है। एजेंसी
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