डेस्क: यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की (Volodymry Zelenskiy) ने अमेरिका सांसदों से बात करते हुए कहा कि रूस (Russia) ने यूक्रेन के दो परमाणु प्लांट्स पर कब्जा कर लिया है. अब रूसी सेना तीसरे परमाणु प्लांट पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रही है. जेलेंस्की ने कहा कि मौजूदा समय में माइकोलाइव (Mykolayiv region) के उत्तर में करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित युझनौक्रेंस्क परमाणु ऊर्जा प्लांट (Yuzhnoukrayinsk nuclear power plant) खतरे में है. इस प्लांट के कभी भी रूस के हाथों में जाने का खतरा है. रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine war) के बीच छिड़ा युद्ध 11वें दिन में प्रवेश कर गया है.
रूस ने 3-4 मार्च को नीपर नदी के पास दक्षिण पूर्वी यूक्रेन में मौजूद जापोरिजिया परमाणु प्लांट (Zaporizhzhya nuclear plant) पर गोलाबारी की और इसे अपने कब्जे में ले लिया. गोलाबारी की वजह से यहां पर आग लग गई थी, जिसकी वजह से दुनियाभर में चिंता की लहर दौड़ गई. वही, रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के पहले दिन ही चर्नोबिल परमाणु ऊर्जा प्लांट (Chernobyl nuclear power plant) पर कब्जा कर लिया था. कीव के उत्तर में मौजूद चर्नोबिल प्लांट में 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा देखने को मिली थी. इसके बाद से ही चर्नोबिल पूरी तरह से खाली पड़ा हुआ था.
प्लांट में मौजूद हैं तीन वॉटर रिएक्टर
युझनौक्रेंस्क परमाणु ऊर्जा प्लांट यूक्रेन के पांच परमाणु ऊर्जा प्लांट में से एक है और ये देश का दूसरा सबसे बड़ा प्लांट है. ये दक्षिणी यूक्रेनी ऊर्जा परिसर का हिस्सा है. इस ऊर्जा परिसर में ताशलीक पंप-स्टोरेज पावर प्लांट और ऑलेक्जेंडरिवस्का हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन भी शामिल हैं. प्लांट में तीन वॉटर रिएक्टर हैं और यहां पर 2,850 मेगावाट तक बिजली बनाई जाती है. 2013 में यहां पर मेजर अपग्रेड किया गया था. रूस द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों की वजह से प्लांट की सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है. अगर रूसी सेना की तरफ से हमले के दौरान लापरवाही बरती गई, तो हालात भयावह हो सकते हैं.
जापोरिजिया परमाणु प्लांट पर हमले के बाद नहीं दिखा रेडिएशन
गौरतलब है कि जापोरिजिया परमाणु प्लांट पर रूस द्वारा किए गए हमले की वजह से आग लग गई. हालांकि, जल्द ही आग को बुझा दिया गया और किसी तरह का रेडिएशन देखने को नहीं मिला. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने बताया कि रूसी मिसाइल ट्रेनिंग सेंटर पर आकर गिरा. ये मिसाइल वहां मौजूद छह रिएक्टरों में से किसी पर नहीं गिरी. इस वजह से बड़ा खतरा टल गया. स्वीडन से लेकर चीन तक के अधिकारियों ने कहा कि रूस के हमले के बाद यहां पर रेडिएशन का लेवल देखने को नहीं मिला है. ऐसे में दुनिया की राहत की सांस ली.
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