नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) की सेना ने शनिवार को बताया कि रूसी सैनिक देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर हफ्तों तक बमबारी करने के बाद उसके आसपास के इलाकों से वापस जा रहे हैं. दूसरी ओर कीव (Kyiv) और मॉस्को (Moscow) के सैनिक देश के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र पर कब्जे की जंग लड़ रहे हैं.
खारकीव से पीछे हटी रूसी सेना
यूक्रेन की सेना ने कहा कि रूसी सैनिक उत्तरपूर्वी शहर खारकीव से पीछे हट रहे हैं और अब अपना पूरा ध्यान आपूर्ति मार्ग की सुरक्षा पर केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रूसी सेना ने पूर्वी इलाके दोनेत्स्क में मोर्टार, तोपों के साथ-साथ हवाई हमले शुरू किए हैं ताकि ‘यूक्रेनी सैनिकों को निशाना बनाया जा सके और उनकी मोर्चाबंदी को बर्बाद किया जा सके.
दीर्घकालिक युद्ध के नए दौर में प्रवेश कर रहा यूक्रेन
यूक्रेन के रक्षामंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने कहा, ‘यूक्रेन दीर्घकालिक युद्ध के नए दौर में प्रवेश कर रहा है.’ इस बीच, अमेरिकी सीनेट (संसद के उच्च सदन) के प्रतिनिधिमंडल ने रिपब्लिकन नेता मिच मैक्कॉनेल के नेतृत्व में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की है. यह मुलाकात यूक्रेन के प्रति अमेरिका का समर्थन व्यक्त करने के लिए की गई है.
जेलेंस्की के टेलीग्राम अकाउंट पर साझा एक वीडियो में मैक्कॉनेल, सुजैन कॉलिंस, जॉन ब्रासो और जॉन कॉर्निन राजधानी कीव में उनसे मुलाकात करते नजर आ रहे हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अपने टेलीग्राम पोस्ट में इस यात्रा को ‘अमेरिकी कांग्रेस और अवाम की ओर से यूक्रेन के लिए द्विदलीय समर्थन का मजबूत संकेत’ बताया.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को हमले के बाद कीव पर कब्जा जमाने में नाकाम रहने के बाद अब अपना ध्यान पूर्वी डोनबास क्षेत्र पर केंद्रित कर दिया है. यह एक औद्योगिक क्षेत्र है जहां यूक्रेन 2014 से मॉस्को समर्थित अलगाववादियों से लड़ाई लड़ रहा है. रूसी सेना का मकसद यूक्रेन के सबसे अनुभवी और उच्च कौशल वाले सैनिकों को घेरना है, जो पूर्वी क्षेत्र में तैनात हैं. साथ ही उसका उद्देश्य डोनबास के क्षेत्रों और यूक्रेन के कब्जे वाले बाकी के क्षेत्रों पर नियंत्रण करना है.
मीडिया के लिए बढ़ा जोखिम
हवाई हमले और तोपों के दागे जाने के कारण पत्रकारों के लिए पूर्वी क्षेत्र में काम करना बहुत खतरनाक हो गया है जिससे युद्ध की पूरी तस्वीर सामने लाने के प्रयास बाधित हुए हैं. रूस ने डोनबास के कुछ गांवों और शहरों पर कब्जा जमा लिया है, जिसमें रुबिझने भी शामिल है जहां युद्ध से पहले करीब 55,000 की आबादी थी.
रूसी राष्ट्रपति का बयान
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की सेना ने पूर्वी क्षेत्र में भी प्रगति की है और छह शहरों या गांवों को फिर से अपने कब्जे में लिया है. शनिवार रात को दिए संबोधन में उन्होंने कहा, ‘डोनबास में हालात बहुत मुश्किल हैं और रूसी सेना अब भी किसी न किसी तरह विजयी होने की कोशिश में लगी है. कदम दर कदम, हम रूसी सैनिकों को यूक्रेन की सरजमीं छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं.’
खाद्य संकट का खतरा
यूक्रेन की सेना के एक स्वतंत्र विश्लेषक ओलेह झदानोव ने बताया कि सेवेरोदोनेत्स्क शहर के समीप सिवेस्की दोनेत्स रीवर पर भीषण लड़ाई हुई लेकिन यूक्रेन, रूस की बढ़त रोकने में नाकाम रहा है. हालांकि, रूसी सेना को यूक्रेन के हमले में काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं, जेलेंस्की ने यूक्रेन के अनाज को रूस द्वारा बंदरगाह पर रोके जाने के कारण वैश्विक खाद्य संकट की चेतावनी दी है.
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