मॉस्को। रूस (Russia) ने ऐलान किया है कि वो शनिवार से फिनलैंड (finland) को बिजली की सप्लाई (power supply) देना बंद कर देगा। माना जा रहा है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल (join nato) होने के फैसले को लेकर रूस ने ये कदम उठाया है। पिछले दिनों फिनलैंड ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था कि उनका देश नाटो संगठन में शामिल होने के लिए आवेदन का समर्थन करता है। इस बाबत जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
फिनलैंड के पीएम और राष्ट्रपति ने कहा था कि नॉर्डिक देश को सोवियत संघ का मुकालबा करने के लिए अब पश्चिमी गठबंधन की सदस्यता बिना देरी किए ले लेनी चाहिए। माना जा रहा है कि फिनलैंड के इसी फैसले से रूस खफा है और उसने फिनलैंड को बिजली देने से मना कर दिया है।
फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की घटना रूस के लिए अच्छी नहीं है। रूस की फिनलैंड के साथ करीब 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा है। रूस को अब इस बात की चिंता है कि नाटो रूसी सीमाओं के नजदीक कौन सा बुनियादा ढांचा विकसित करती है। रूस को इसी बात का डर था कि कहीं स्वीडन और फिनलैंड नाटो में शामिल ना हो जाएं। इसी को लेकर रूस ने पिछले दिनों स्वीडन और फिनलैंड को चेतावनी भी दी थी कि अगर वो नाटो में शामिल होते हैं तो इसके दूरगामी सैन्य और राजनीतिक परिणाम होंगे।
रूस पहले ही नाटो सीमाओं के पास अपने स्थिति मजबूत करने में लगा हुआ है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पिछले दिनों रूस की पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत करने का आदेश दिया था। अब रूस को स्वीडन से जुड़ी सीमाओं पर भी अपनी ताकत लगानी होगी वहीं नाटो सेना अब स्वीडन से संधि के बाद रूस की सीमा के काफी करीब तक पहुंच जाएगी जिसे कूटनीतिक दृष्टि से रूस के खिलाफ माना जा रहा है।
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