कीव । रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है. हमले में यूक्रेन (Ukraine) पूरी तरह से तबाह हो चुका है और उसके यहां से लाखों लोग अपना घर छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं. दूसरी ओर जंग को खत्म करने की कोशिशें जारी हैं और रूसी (Russia) पक्ष व यू्क्रेन (Ukraine) पक्ष दोनों समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं. रूसी (Russia) पक्ष ने दावा किया कि समझौते को लेकर करीब-करीब सहमति बन गई है.
रूस पर प्रतिबंधों के बीच भारत (India) का कहना है कि उसके वैध तरीके से ऊर्जा खरीदने का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और जो देश तेल के मामले में आत्मनिर्भर हैं या जो स्वयं रूस (Russia) से तेल आयात करते हैं वे प्रतिबंधात्मक व्यापार की वकालत नहीं कर सकते हैं. जंग से जुड़ी हर अपडेट के लिए पेज पर लगातार बने रहें
उधर, रूस की ओर से यूक्रेन (russia-ukraine war) पर जारी हमले के बीच दुनिया की शीर्ष सात अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-7 के विदेश मंत्रियों (g7 foreign ministers) ने रूस से अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश का अनुपालन करने की मांग की है जिसमें रूस को यूक्रेन पर हमले रोकने और सेना वापस बुलाने को कहा गया है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने एक दिन पहले 13-2 के फैसले में रूस से यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने के लिए कहा था.
जी-7 समूह के शीर्ष राजनयिकों ने एक संयुक्त बयान में मारियुपोल सहित अन्य शहरों की रूसी घेराबंदी की निंदा की और हमलों को ‘‘आम नागरिकों पर अंधाधुंध हमला करार दिया.’’ उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर ‘‘बिना उकसावे के और शर्मनाक’ तरीके से युद्ध करने का आरोप लगाया जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और अस्पताल, थियेटर स्कूल सहित अवसंरचना को नुकसान हुआ है. जी-7 ने कहा कि युद्ध अपराध के दोषियों, आम नागरिकों के खिलाफ हथियारों का अंधाधुंध इस्तेमाल करने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की ओर से रूस (Russia) पर लगातार दबाव डाला जा रहा है कि वो यूक्रेन पर हमला बंद कर दे, लेकिन पुतिन पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा. लगातार जंग को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने 13-2 के फैसले में रूस से यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने के लिए कहा है. इसमें भारत के न्यायाधीश दलवीर भंडारी (Justice Dalveer Bhandari) ने भी रूस के खिलाफ मतदान किया था.
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जंग को खत्म कराए जाने को लेकर हुए मतदान में 13 मतदाता जजों ने रूस के खिलाफ वोट किया, जबकि 2 इसके खिलाफ थे. संयुक्त राष्ट्र अदालत में भारतीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ जाते हुए बहुमत के पक्ष में मतदान किया. रूस द्वारा किए गए हमले के बाद यूक्रेन ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में रखा. इसी मुद्दे पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने रूस के पक्ष और खिलाफ में मतदान करवाने का फैसला लिया, आईसीजे में भारत के न्यायाधीश दलवीर ने भी रूस के खिलाफ वोट किया. अमेरिका भी इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश का स्वागत कर चुका है.
संयुक्त राष्ट्र अदालत ने अपने आदेश में कहा कि रूसी संघ, मामले में अंतिम निर्णय अभी लंबित है, लेकिन उसे 24 फरवरी को यूक्रेन के क्षेत्र में शुरू किए गए सैन्य अभियानों को तुरंत बंद कर देना चाहिए. आईसीजे के फैसले देशों पर बाध्यकारी हैं लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां कई देशों ने उन के फैसलों की अनदेखी की गई है, क्योंकि कोर्ट के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई सीधा साधन नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने भी रूस से तुरंत आदेश का पालन करने के लिए कहा जेलेंस्की ने ट्विटर पर कहा, “यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में रूस के खिलाफ अपने मामले में पूरी जीत हासिल की. ICJ ने आक्रमण को तुरंत रोकने का आदेश दिया. आदेश अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी है. रूस को तुरंत पालन करना चाहिए. आदेश की अनदेखी करने से रूस और भी अलग हो जाएगा.”
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