नई दिल्ली(New Delhi) । रूस (Russia)का एक ऑब्जरेशन सैटलाइट अंतरिक्ष(observation satellite space) में अचानक टूटकर सैकड़ों टुकड़ों में बिखर(shattered into hundreds of pieces) गया। इसके मलबे से बचने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) के अंतरिक्षयात्रियों को स्पेसक्राफ्ट(spacecraft for astronauts) में शरण लेनी पड़ गई। अमेरिका के स्पेस कमांड का कहना है कि सैटलाइट के मलबे से फिलहाल किसी दूसरे सैटलाइट को नुकसान पहुंचने की आशंका नहीं है। बता दें कि रूस के इस RESURS-P1 सैटलाइट को 2022 में ही मृत घोषित कर दिया गया था।
फिलहाल इस सैटलाइट के टूटने की वजह का पता नहीं चल पाया है। वहीं इस घटना पर रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस ने भी कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिका की एक स्पेस ट्रैकिंग फर्म लियोलैब्स ने देखा था कि अंतरिक्ष में अचानक मृत सैटलाइट कम से कम 100 टुकड़ों में टूट गया। अब इसके बड़े-बड़े टुकड़े पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं।
पृथ्वी की कक्षा में बढ़ते सैटलाइट और फिर उनकी वजह से बढ़ने वाला मलबा चिंता का कारण बन रहा है। साल 2021 में रूस ने अपने एक सैटलाइट को एंटी सैटलाइट मिसाइल द्वारा अंतरिक्ष में ही नष्ट कर दिया था। इसके बाद पश्चिमी देशों ने रूस की कड़ी आलोचना की थी। मिसाइल से सैटलाइट को नष्ट करने के बाद इसके हजारों बड़े-बड़े टुकड़े पृथ्वी की कक्षा में फैल गए। वहीं RESURS-P1 को लेकर अभी इस तरह की बात पता नहीं चली है। रूस द्वारा किसी तरह के एंटी मिसाइल लॉन्च की खबर सामने नहीं आई है।
सैटलाइट खराब होने के बाद कहां जाता है
दरअसल जब किसी सैटलाइट का आखिरी समय आता है तो या तो वह धीरे-धीरे पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने लगता है और फिर जलकर राख हो जाता है। वहीं कई सैटलाइट पृथ्वी की ग्रेवयार्ड ऑर्बिट में चले जाते हैं। यह पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई की कक्षा है जिसमें दूसरे सैटलाइट से टकराने का खतरा कम हो जाता है। इस कक्षा में ऐक्टिव सैटलाइट नहीं रहते हैं। RESURS-P1 2021 में ही खराब होने लगा था और इसके बाद वह धीरे-धीरे नीचे की तरफ आ रहा था। पृथ्वी की कक्षा में सैटलाट्स की बढ़ती संख्या और मलबे को देखते हुए इस ट्रैफिक के मैनेजमेंट की जरूरत आन पड़ी है। फिलहाल कक्षा में सैटलाइट्स के टकराने का भी खतरा बना रहता है।
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