मॉस्को (Moscow)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) में दबाव के लिए अन्य प्रमुख देशों को जिम्मेदार ठहराया है। भारत (India) द्वारा आयोजित जी-20 बैठक (G-20 meeting) को वीडियो लिंक (Video link) के माध्यम से संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) में न्याय बहाल करने के हमारे प्रयासों से इसका कोई संबंध नहीं है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) द्वारा अनुभव किया गया बड़ा दबाव कुछ देशों की बिना सोच-समझ के अपनाई गई व्यापक आर्थिक नीति (Macroeconomic policy) का प्रत्यक्ष परिणाम है।
गौरतलब है कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई थी। साथ ही खाद्य सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया था और ईंधन की कीमतें में भारी वृद्धि देखने को मिली थी। पुतिन ने कहा कि कोविड महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया था। इसके अलावा अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली में डाले गए खरबों डॉलर और यूरो ने वैश्विक मुद्रास्फीति में वृद्धि के साथ खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में तेजी से वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की कार्रवाई के परिणामस्वरूप, हमने प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि देखी। इस कारण सबसे गरीब देश इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए। पुतिन ने कहा कि कुछ देशों द्वारा अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने के लिए अपनाए गए गैरकानूनी व्यापार प्रतिबंध और जलवायु एजेंडा का अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव जारी है। बाल्टिक सागर के नीचे नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में विस्फोट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धियों को खत्म करने और लाभ हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा के गलत तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें परिवहन और रसद श्रृंखलाओं और अंतरराष्ट्रीय भुगतान व्यवस्थाओं को नष्ट करना और यहां तक कि ये देश आतंकवाद के कृत्य में भी शामिल हैं।
बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही दुनिया
वैश्विक अर्थव्यवस्था और विश्व की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि चुनौतियों से निपटने के लिए आम सहमति पर आधारित सामूहिक निर्णय की आवश्यकता है जो वैश्विक समुदाय, विकसित और विकासशील देशों के विशाल बहुमत को प्रतिबिंबित करेगा। पुतिन ने कहा कि दुनिया बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। नए वैश्विक और आर्थिक केंद्र उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार गतिविधि का बड़ा हिस्सा एशियाई, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में स्थानांतरित हो रहा है, जहां दुनिया की अधिकांश आबादी रह रही है।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में विकासशील देशों की भूमिका बढ़े…
पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका भी बढ़ाई जानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक सहित इन संगठनों के संसाधनों का उपयोग उन देशों और क्षेत्रों के विकास के हित में किया जाना चाहिए, जिन्हें वास्तव में जरूरत है, न कि अवसरवादी राजनीतिक लक्ष्यों के लिए।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हम जी-20 के ढांचे के भीतर और ब्रिक्स सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में इन मौजूदा कार्यों को हल करने के प्रयासों में शामिल होने के लिए तैयार हैं, जिनका वजन और प्रभाव स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है, खासकर इसकी विस्तार प्रक्रिया को देखते हुए। पुतिन ने कहा कि रूसी अनाज के साथ पहला जहाज अफ्रीका भेजा गया है। रूस खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करता है और शीर्ष खाद्य निर्यातकों में सबसे अग्रणी बना हुआ है।
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