नई दिल्ली: ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (UK Defense Ministry) ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार को दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) ने यूक्रेन से जारी जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों को गोली मारने का आदेश दिया है. यूक्रेन की वर्तमान स्थिति को लेकर यह जानकारी ब्रिटेन ने एक इंटेलिजेंस एजेंसी (intelligence agency) के रिपोर्ट के हवाले से ट्वीट करते हुए दिया है. ब्रिटन ने दावा किया है कि रूस इसके लिए एक स्पेशल यूनिट तैनात कर रही है. ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने इस कदम का कारण रूसी सेना के अंदर युद्ध में उत्साह और मनोबल में आई कमी को बताया है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि रूसी जनरल (Russian general) ने अपने कमांडरों से कहा है कि जंग से पीछे हटने वालों सैनिकों के खिलाफ हथियार का इस्तेमाल किया जाए. रिपोर्ट के अनुसार, चेतावनी देने के बाद भी अगर सैनिक मानने को तैयार नहीं होते हैं तो उन्हें गोली मार देने का भी आदेश शामिल है.
विभिन्न रिपोर्ट और खुफिया अपडेट के अनुसार, सितंबर में रूस को मिली बड़ी हार और यूक्रेन का फिर से अपने क्षेत्र पर कब्जा से रूसी सेना के मनोबल में कमी आई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैनिकों को पीछे हटने से रोकने के लिए खुद मोर्चा संभाल रखा है. सितंबर में न्यूयार्क टाइम्स में पब्लिश खबर के अनुसार, खेरसान शहर में यूक्रेन का दखल बढ़ता देख रूसी सेना ने राष्ट्रपति पुतिन से पीछे हटने का अनुरोध किया था, जिसे पुतिन ने अस्वीकार कर दिया था.
रूस ने जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों के लिए सजा भी बढ़ा दी है. सितंबर में रूस ने एक विधेयक पारित किया था. इस विधेयक के द्वारा जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों की सजा 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है. दंड को लागू करने की अनुमति देने वाला डिक्री पर पुतिन ने हस्ताक्षर कर इस विधेयक पर मुहर लगाई. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने जून में भी कहा था कि रूसी सैनिकों ने पुतिन का आदेश मानने से इनकार कर दिया है. जिसके कारण रूसी अधिकारियों और उनके सैनिकों के बीच गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
पिछले नौ महीने से जारी जंग में सितंबर में पहली बार रूस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. रूस की सेना पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन के कई इलाकों में पीछे हट गई है. जिसमें यूक्रेन की पूर्वी डोनेत्सक क्षेत्र का लाइमेन शहर भी शामिल है. यूक्रेन द्वारा पकड़े गए कई रूसी सेना रोते हुए अपनी व्यथा सुनाते हैं. रूस के सैनिकों का कहना है कि वे जान बूझ कर घायल होना चाहते हैं ताकि वे घर जा सकें. रूस में कई युवकों ने लड़ाई में बुलाए जाने के डर से देश छोड़ दिया है.
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