मॉस्को/कीव। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Russian President Vladimir Putin) ने अमेरिका व उसके सहयोगी देशों (America and its allies) द्वारा मॉस्को की शीर्ष सुरक्षा मांगों की अनदेखी के बावजूद वार्ता के लिए तैयार रहने की बात कही। दूसरी तरफ, रूस (Russia) ने नाटो देशों (NATO countries) द्वारा ठुकराई उसकी शर्तों के बाद यूक्रेन सीमा पर एकत्र 1.30 लाख सैनिकों को अलर्ट पर रखा है। रूस (Russia) ने बेलारूस(Belarus) के साथ मिलकर यूक्रेन की सीमा पर व्यापक कमांडो युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया है।
इस युद्धाभ्यास का पहला चरण 9 फरवरी को खत्म होगा और 10 फरवरी से इसका दूसरा चरण शुरू होना है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस युद्धाभ्यास के लिए अपने 2,000 खास सैनिकों को बेलारूस सीमा पर तैनात कर दिया है। यहां पांच हजार रूसी कमांडो पहले से ही मौजूद हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि रूसी सेना के साथ बेलारूस के सैनिकों की संख्या 80,000 तक हो सकती है। आशंका है कि युद्धाभ्यास के नाम पर रूस और बेलारूस मिलकर यूक्रेन पर हमला कर सकते हैं। इस बीच यूक्रेन पर नाटो देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच पुतिन ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए अमेरिका पर निशाना साधा कि वह यूक्रेन का इस्तेमाल रूस को घेरने के लिए कर रहा है। इस बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिलने कीव पहुंच गए हैं। यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले की सूरत में यूक्रेनी नागरिक देश की रक्षा के लिए छापामार युद्ध की योजना बना रहे हैं। यूक्रेन की सीमा पर जहां हजारों रूसी सैनिक जमा हैं वहीं से खारकीव शहर 40 किमी दूर है जो देश का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र है। यहां के कुछ नागरिक रूस के पक्ष में हैं और कुछ यूक्रेन के। इनमें से दूसरे पक्ष के लोग रूस से डटकर मुकाबले के लिए तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए यूक्रेनी सेना उन्हें छापामार युद्ध का प्रशिक्षण दे रही है। राष्ट्रपति जो बाइडन विदेश सेवा के अधिकारी ब्रिजेट ब्रिंक को यूक्रेन के लिए अपना राजदूत नामित कर सकते हैं। स्लोवाकिया में अमेरिकी राजदूत पद पर तैनात ब्रिंक लंबे समय से खाली पड़े इस पद को ऐसे वक्त में संभालेंगे जब अमेरिका और उसके सहयोगी यूक्रेन सीमा के समीप रूस के एक लाख से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर चुका है। अभी नामांकन की घोषणा नहीं हुई है।