नई दिल्ली। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने पीएम मोदी के इस कथन कि ‘यह युद्ध का समय नहीं है‘ को भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप बताया है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों पर कहा कि यदि यह सही पाया गया तो दोनों देशों के रिश्ते खराब होंगे।
बीते दिनों पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एससीओ शिखर बैठक के मौके पर उज्बेकिस्तान के समरकंद में मुलाकात हुई थी। इसमें पीएम मोदी ने पुतिन से यूक्रेन जंग खत्म करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि यह जंग का समय नहीं है। इसके साथ ही इस जंग के कारण उत्पन्न खाद्यान्न व ऊर्जा संकट, उर्वरक संकट के समाधान का भी आग्रह किया था।
पीएम मोदी की पुतिन से अपील के बारे में पूछने पर रूसी राजदूत अलीपोव ने कहा कि यह अनुरोध यूक्रेन जंग के मुद्दे पर भारत की स्थिति के अनुरूप है। पश्चिमी देश केवल उन्हीं बातों का जिक्र करते हैं, जो उनके अनुरूप होती हैं। पीएम की अपील को विश्व के नेताओं के एक वर्ग ने पुतिन को मोदी की फटकार के रूप में प्रचारित किया था।
…तो पाकिस्तान से रिश्तों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा
पाकिस्तान द्वारा यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों पर अलीपोव ने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो इसका पाकिस्तान के साथ रूस के संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। अलीपोव ने कहा कि इस बारे में अभी अपुष्ट खबरें आई हैं। यदि इसकी पुष्टि होती है तो पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर निसंदेह असर पड़ेगा।
तेल गठजोड़ में भारत का शामिल होना ठीक नहीं
रूसी राजदूत अलीपोव ने चेतावनी दी कि यदि जी-7 देशों ने रूसी तेल की कीमतों की उच्च सीमा ‘प्राइस कैप‘ लागू की हम वैश्विक तेल बाजारों में तेल की आपूर्ति बंद कर देंगे। अलीपोव ने कहा कि मूल्य सीमा से वैश्विक बाजारों में तेल की भारी कमी हो जाएगी और कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। अमेरिका ने भारत से रूसी तेल की कीमतों को सीमित करने के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए कहा है, लेकिन नई दिल्ली ने कहा है कि वह कोई भी निर्णय लेने से पहले प्रस्ताव की सावधानीपूर्वक पड़ताल करेगा। अलीपोव ने कहा कि भारत ने अब तक इस विचार के प्रति सावधानीपूर्वक रुख अपनाया है। यह भारत के हित में नहीं होगा।‘
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