मॉस्को: पूर्व रूसी राष्ट्रपति (Former Russian President) और व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खास समझे जाने वाले दिमित्री मेदवेदेव (Dmitry Medvedev) ने यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ रूस (Russia) में अब तक तैयार सबसे बड़े बम के इस्तेमाल का संकेत दिया है। इस बम को फॉदर ऑफ आल बॉम्ब (FOAB) कहा जाता है। मेदवेदेव ने टेलीग्राम पोस्ट में लिखा, आप किसी के धैर्य की परीक्षा केवल कुछ समय समय के लिए ही ले सकते हैं। इसी पोस्ट में उन्होंने कीव पर हमले का संकेत देते हुए आगे लिखा, ‘सच है कि रूस से इस प्रतिक्रिया का उपयोग करने की संभावना नहीं है, लेकिन यह भी एक संभावना है।’ उन्होंने कहा कि ‘फिर क्या होगा, यह खत्म हो जाएगा। उस जगह जहां कभी ‘रूसी शहरों की मां’ खड़ी थी, वहां एक विशाल धब्बा रह जाएगा।’ यहां ये जानना जरूरी है कि जब मेदवेदेव रूसी शहरों की मां कह रहे हैं तो इसका सीधा मतलब कीव है। यूक्रेन की राजधानी को ‘मदर ऑफ ऑल रसियन सिटीज’ कहा जाता है। वो कहानी फिर कभी, आज जानते हैं कि क्या है रूस को फॉदर ऑफ आल बॉम्ब, जिसकी धमकी मेदवेदेव दे रहे हैं।
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FOAB की चुनौतियां
रूस के बमवर्षक बेड़े के सभी विमान फादर ऑफ आल बॉम्ब को गिराने के लिए तैयार हैं। हालांकि, मेदवेदेव ने नए डिलीवरी वाहनों के उपयोग की बात कही है जो यह संकेत देता है कि रूस बेहतर डिलीवरी विकल्पों पर विचार कर रहा है। रूस इस बम के लिए आरएस-28 सरमैट जैसी मिसाइल का इस्तेमाल कर सकता है। यह अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल 10 टन का पेलोड ले जाने में सक्षम है। सरमैट को सोवियत युग के एसएस-18 को बदलने के लिए डिजाइन किया गया था। यह पेलोड क्षमता के मामले में सबसे शक्तिशाली अंतरमहाद्वीपीय (इंटरकॉन्टिनेंटल) बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मिसाइल को पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
कई बम एक साथ कर सकता है लॉन्च
7 टन का FOAB सरमैट के लिए ले जाना आसान होगा। चूंकि सरमैट को कई वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसलिए संभव है कि यह एक से ज्यादा लक्षित एफओएबी को ले जा सके। सरमैट एक लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइल है, जिसका लॉन्च वजन 208.1 मीट्रिक टन है। इस वजन में ज्यादातर हिस्सा ईंधन का है। सैद्धांतिक रूप से मिसाइल के ईंधन भार को कम करके पेलोड को बढ़ाना संभव है। एक आसान विकल्प यह होगा कि बड़े वारहेड को समायोजित करने के लिए कुछ या सभी चरणों में ईंधन लोडिंग को कम किया जाए। हालांकि, पेलोड बढ़ाने से मिसाइल की स्थिरता और लक्ष्य को भेदने की सटीकता प्रभावित हो सकती है।
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