मॉस्को। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia’s invasion of Ukraine) के दो माह से अधिक बीत जाने को बाद भी दोनों देशों के बीच शांति की राह नहीं खोजी जा सकी है, दूसरी ओर शांति की जगह और यह युद्ध भीषण (war fierce) होता जा रहा है। यहां तक कि अब माना जा रहा है कि यूक्रेन Ukraine) की जगह रूस और भी देशों पर भी हमला कर सकता है। इस बीच रूस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूक्रेन की मदद करने वालों पर हमला करने की चेतावनी दी है। साथ ही पोलैंड और बुल्गारिया की गैस आपूर्ति रोक कर उन देशों को जवाब देना शुरू किया है, जो खुलकर यूक्रेन का साथ दे रहे हैं।
बता दें कि पहली बार रूस और यूक्रेन को छोड़कर दुनिया के किसी देश ने ये माना है कि रूस एक खास दिन पर पूरे विश्व को युद्ध की आग में झोंक देगा। वह तीसरा देश है ब्रिटेन। यहां तक कि ब्रिटेन ने विश्वयुद्ध के ऐलान की तारीख तक बता दी है।
ब्रिटेन का दावा है कि 9 मई की विक्ट्री डे परेड में रूस अपनी विरोधी शक्तियों के खिलाफ जंग का ऐलान करने वाला है। ब्रिटेन ने ये भी कहा है कि रूस, यूक्रेन को मिल रही मदद का पूरा तंत्र तोड़ने वाला है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा दावा क्यों किया गया है। 24 फरवरी को यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के नाम पर रूस ने हर हथियार का इस्तेमाल किया। हाइपरसोनिक मिसाइल, क्लस्टर बम और वैक्यूम बमों से यूक्रेन को तबाह कर दिया, लेकिन समय के साथ रूस भी अब युद्ध के लंबा खिंचने से बेचैन हो रहा है। वह बहुत दिनों तक युद्ध नहीं लड़ना चाहता।
इस बीच रूस ने युद्धकाल में गैर-मित्र देशों के खिलाफ रणनीतिक कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। इसके तहत पोलैंड और बुल्गारिया की प्राकृतिक गैस की आपूर्ति रोक दी गयी है। रूस ने यह कदम दोनों देशों द्वारा प्राकृतिक गैस के लिए रूबल में भुगतान करने से इनकार करने के बाद उठाया। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने एलान किया था कि गैर-मित्र देशों को गैस के लिए रूस की मुद्रा, रूबल में भुगतान करना होगा। बुल्गारिया और पोलैंड ने ऐसा करने से मना करने के साथ रूस पर प्राकृतिक गैस के माध्यम से ब्लैकमेल करने का आरोप भी लगाया है।
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