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    Russia-Ukraine War:यूक्रेन ने जंग में उतारा नया हथियार, आग उगलने वाला ड्रोन से कर रहा रूस पर हमला

  • September 03, 2024

    नई दिल्ली. नजारा किसी रूसी (Russia) जगह का है. ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के नीचे रूसी हथियारबंद सैनिक (armed soldiers) और बख्तरबंद (Armored) गाड़ियां छिपी हैं. तभी अचानक ऊपर से एक ड्रोन (Drones) उड़ते हुए आता है. पेड़ों के ऊपर से नीचे की तरफ आग की तेज (fire-spitting) लहर छोड़ता है. ये आग आम आग की तरह नहीं है. ये जहां गिर रही है, वहां चिपक जा रही है. जैसे पिघला हुआ लावा.


    ये आग पेड़ों के पूरे झुरमुट को जला देती है. तभी इसमें धमाके भी होते हैं. यानी रूसी हथियार फटने लगते हैं. इस नए आग उगलने वाले ड्रोन को कई नामों से बुलाया जा रहा है. आम भाषा में फ्लेमथ्रोअर ड्रोन कहते हैं. फैंसी तरीके से इसे ड्रैगनफायर ड्रोन बुलाते हैं. इसके अलावा डिफेंस में इसका असल नाम थर्माइट ड्रोन (Thermite Drone) है.

    यूक्रेन की सेना ने अपने टेलीग्राम हैंडल पर इसका वीडियो डाला था. जिसके बाद इसने X पर हंगामा मचा दिया. इस तरह का ड्रोन यूक्रेन की 108वीं सेपरेट टेरिटोरियाल डिफेंस ब्रिगेड संचालित करती है. पहले यह ड्रोन पेड़ों के नीचे छिपे दुश्मन पर आग उगलता है, इसके बाद सारा का सारा बचा हुआ हथियार नीचे ड्रॉप कर देता है.

    यूक्रेनी सैनिकों का फेवरेट है थर्माइट बम

    कुछ महीनों पहले भी यूक्रेन ने रूसी सैनिकों के ऊपर थर्माइट बम का इस्तेमाल किया था. ये बम हवा में थोड़ा ऊपर फटते थे. इसके बाद बड़े इलाके में आग लगा देते या ज्वलनशील पदार्थ छोड़ देते. इनका इस्तेमाल खासतौर से रूसी गाडियों को जलाने के लिए किया जा रहा था. ताकि ये जलकर खत्म हो जाएं.

    क्या होता है थर्माइट, जिसका हो रहा इस्तेमाल?

    यह एक अत्यधिक तापमान वाला केमिकल मिक्सर है. इसमें जंग लगा आयरन ऑक्साइड और अल्यूमिनियम पाउडर मिलाया जाता है. थर्माइट का तापमान 2204 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा पहुंच जाता है. यानी इस तरह के हथियार का इस्तेमाल जिस चीज के ऊपर किया जाएगा, वह पिघल जाएगा.

    टैंकों या बख्तरबंद वाहनों को जला डालता है

    यूक्रेनी सैनिक थर्माइट ग्रैनेड भी इस्तेमाल करते हैं. ताकि टैंक, बख्तरबंद वाहन के जरूरी हिस्सों पर हमला कर के उसे जला सकें. अगर यह ग्रैनेड टैंक के हैच के अंदर गिरा दिया जाए तो यह इतना तापमान पैदा कर देता है कि अंदर रखे गोले फटने लगते हैं. इससे टैंक में मौजूद सैनिक मारे जाते हैं. टैंक या बख्तरबंद वाहन पूरी तरह से जल जाता है.

    22 सेकेंड में हो जाता है दुश्मन का खेल खत्म

    आग उगलने वाले ड्रोन के नीचे एक या कई थर्माइट कंटेनर लगाए जाते हैं. एक कंटेनर आमतौर पर सवा दो किलोग्राम का होता है. जो करीब 22 सेकेंड तक जलता है. ये 22 सेकेंड दुश्मन के किसी भी हथियार को जलाकर खत्म करने के लिए पर्याप्त होते हैं. इसलिए अगर कई कंटेनर लगे हैं तो सब आपसे में जुड़े होते हैं. एक के बाद एक जलते रहते हैं. बाद में इन कंटेनर्स को दुश्मन के ऊपर गिरा दिया जाता है. ड्रोन चला जाता है.

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