कीव। जैपोरिझिया परमाणु संयंत्र (Zaporizhia nuclear plant) को रूस (Russia) के कब्जे से मुक्त कराने के लिए यूक्रेन (Ukraine) लगातार उन रूसी सैनिकों (Russian soldiers) को निशाना बना रहा है, जो पावर प्लांट में मौजूद हैं। पावर प्लांट के आपपास जारी दोतरफा गोलीबारी से बड़े परमाणु हादसे (nuclear accident) का जोखिम बढ़ता जा रहा है। जी-7 ने परमाणु तबाही के डर से रूस से अपील की है कि पावर प्लांट से सैनिकों को वापस बुला ले। उधर, हादसे के डर से संयंत्र के पास के इलाके खाली होने लगे हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने कहा कि जैपोरिझिया में मौजूद हर वो रूसी सैनिक, जो पावर प्लांट पर गोलियां चला रहा है या यूक्रेनी सैनिकों को निशाना बना रहा है, यूक्रेनी सेना और स्पेशल फोर्स के खास निशाने पर हैं। यहां से इनका बचकर जाना नामुमकिन होगा।
निप्रो नदी पर दक्षिणी तट पर बना संयंत्र रूसी सेना के कब्जे में है, जबकि तट के दूसरी तरफ शहरी इलाके पर यूक्रेनी सेना का कब्जा है। यूक्रेन का आरोप है कि परमाणु संयंत्र की आड़ में रूस शहरी इलाके पर जबरदस्त बमबारी कर रहा है, लेकिन यूक्रेनी सेना परमाणु हादसे के डर से इसका जवाब नहीं दे पा रही है।
ब्रिटिश खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, पूर्व में दोनबास इलाके से हटकर अब रूसी फौज दक्षिण की तरफ जमा हो रही है। दोनबास में अब कमान रूस समर्थकों ने संभाल ली है। रविवार को ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनेस्क एयरपोर्ट के पास पिस्की गांव के पास जबरदस्त गोलीबारी की खबरें मिली हैं। इस इलाके पर रूस पहले पूर्ण नियंत्रण हासिल करने का दावा कर रहा था। फिलहाल, रूसी सेना एम-40 हाइवे को पूरी तरह कब्जे में लेना चाहती है। यह पश्चिमी यूक्रेन को दोनेस्क से जोड़ता है।
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