क्रेमलिन. रूस (Russia) ने कहा कि यूक्रेन (Ukraine) के साथ उसके संघर्ष (War) में भारत (India) की मध्यस्थता (mediate) की कोई विशेष योजना नहीं है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि युद्ध के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तरफ से किए जा रहे प्रयासों को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) महत्व देते हैं। राष्ट्रपति पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने भारत के वरिष्ठ संपादकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह बात कही।
पुतिन-मोदी संबंध कैसे हैं?
पेस्कोव की बातचीत मुख्य रूप से यूक्रेन युद्ध और इसमें भारत की संभावित भूमिका, कूटनीतिक प्रयासों पर रूस के विचार और इसको लेकर दुनिया भर में मची हलचल पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पीएम मोदी की राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत विशेष और व्यावहारिक संबंध हैं। पीएम मोदी यूक्रेनी पक्ष के भी संपर्क में है। इसलिए वह युद्ध से संबंधित जानकारी सीधे प्राप्त करने में सक्षम हैं। इससे पीएम मोदी को स्थिति का निष्पक्ष मूल्यांकन करने का मौका मिलता है। गौरतलब है कि पीएम मोदी हाल ही में पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिले थे।
रूस युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है
रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब देना संभव नहीं है। लेकिन वह इतना कह सकते हैं कि जैसे ही हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेंगे , युद्ध समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।
भारत-चीन संबंधों को समर्थन दोहराया
पेस्कोव ने भारत और चीन के बीच संबंधों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने में हर संभव मदद और समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। रूस के कजान शहर में ब्रिक्स की बैठक से इतर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिन की मुलाकात से संबंधित सवाल उन्होंने कहा कि इसमें रूस की कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन वह दोनों नेताओं की बैठक से खुश है।
1000 दिनों के टकराव में अब तक 10 लाख से अधिक मौतें
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच 22 फरवरी, 2022 को युद्ध शुरू हुआ था। शुरुआत में यूक्रेन के ठिकानों पर हमले को रूसी सेना ने ‘विशेष सैन्य कार्रवाई’ बताया। हालांकि, बीते 33 महीने से जारी यह हिंसक संघर्ष अब 21वीं सदी में सबसे घातक टकराव और मानवीय त्रासदी का रूप ले चुका है। कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में अब तक 10 लाख से अधिक मौतें होने का अनुमान लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने भी हिंसक टकराव का अंत करने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति व एकजुट प्रयासों का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक एवं शांतिनिर्माण मामलों के लिए प्रमुख रोजमैरी डीकार्लो ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में ये बात कही।
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