प्रेज्मिस्ल (पोलैंड) । पूरा दिन ट्रेन और बस यूक्रेन से भाग रहे लोगों को पोलैंड (Poland) के सीमावर्ती शहरों तक लाती रहीं. इन लोगों में हमलों के कारण वतन छोड़कर भाग रहे यूक्रेनी नागरिक (Ukrainian citizens) ही नहीं हैं,बल्कि बड़ी संख्या अन्य देशों के निवासियों की भी है जिन्होंने यूक्रेन को अपना ठिकाना बनाया था. सीमा के नज़दीक स्थित शहर प्रेज्मिस्ल कई शरणार्थियों के लिए पहला पड़ाव है. इनमें बड़ी संख्या में अफ्रीकी और पश्चिम एशियाई देशों के निवासी हैं.
यूक्रेन में मुश्किल हुआ जीना
23 वर्षीय मिस्र के नागरिक अहमद इब्राहिम अपनी बिल्ली के साथ शुक्रवार देर शाम यहां पहुंचे. वह कई दिनों की यात्रा की वजह से परेशान और बीमार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन से चिकित्सा में पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में अध्ययन कर रहे थे और उनका एक साल बचा हुआ था. इब्राहिम के मुताबिक, उन्हें अपने भविष्य और अगले कदम के बारे में कुछ नहीं पता है. इससे पहले, एक पाकिस्तानी शख्स पश्चिमी पोलैंड के लवीव की एक सुपरमार्केट के पार्किंग स्थल पर बस से उतरा. सर्दी में कांपते हुए उन्होंने एक स्वयंसेवक से कहा कि वह जर्मनी जाना चाहता है, लेकिन उसके पास धन नहीं है.
भारतीय छात्रा ने लगाया गंभीर आरोप
स्वयंसेवक ने कहा कि क्या वह पोलैंड के शहर क्रैकोव तक जाना चाहेंगे? इससे वह जर्मनी के नज़दीक पहुंच जाएंगे. इस पर उन्होंने राज़ामंदी दे दी. गैर यूक्रेनियों ने शिकायत की है कि उनके साथ खराब सलूक किया गया है और यूक्रेनियों की तुलना में उन्हें लंबी कतारों में लगाया गया है. भारतीय छात्रा कनिका अग्निहोत्री छह साल से यूक्रेन में हैं. वह बिना भोजन छह घंटे तक चलकर शेहनी सीमा क्रॉसिंग पहुंची. उन्होंने कहा कि वहां यूक्रेन के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अपमानित किया और भारतीयों के एक अन्य समूह से उठक-बैठक लगाते हुए सुरक्षा कर्मियों के पास तक आने को कहा गया.
अफ्रीका के लोगों से भी बदसलूकी
उन्होंने ‘एपी’ से कहा कि उनका समूह दूसरे सीमा क्रॉसिंग पर चला गया जहां उनके साथ अच्छा सलूक किया गया. उन्होंने कहा कि पोलैंड में पहुंचने के बाद देश के लोगों ने उनकी मदद के लिए सबकुछ किया. इस तरह की खबरें हैं कि खासकर अफ्रीकी लोगों के साथ यूक्रेन के सुरक्षा कर्मी बदसलूकी कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि करीब 6.6 लाख शरणार्थी यूक्रेन से पड़ोसी देशों में भाग चुके हैं. एजेंसी के प्रमुख फिलिप्पो ग्रैंडी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि बृहस्पतिवार से ही शराणार्थियों की संख्या में हर घंटे बढ़ोतरी हो रही है. ज़्यादातर लोग पोलैंड जाना चाहते हैं जहां पहले से यूक्रेन के कई लोग रहते हैं जो हाल के वर्षों में काम के लिए आए थे.
..तो 40 लाख लोग यूक्रेन छोड़ देंगे
संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि अगर जंग के हालात और खराब हुए तो 40 लाख लोग यूक्रेन छोड़ देंगे. संयुक्त राष्ट्र में पोलैंड के राजदूत क्रिस्टोफ श्चेर्स्की ने बताया कि सोमवार सुबह 125 राष्ट्रों के लोग पहुंचे थे. जिनमें से अधिकतर यूक्रेन के थे, लेकिन अन्य देशों के भी लोग थे जिनमें कम से कम 100-100 लोग, उज़्बेकिस्तान, नाइजीरिया, भारत, मोरक्को, कज़ाकस्तान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, पोलैंड, बेलारूस, ईरान, तुर्की, अल्जीरिया और रूस के थे.
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