नई दिल्ली । रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के सोमवार को छठे माह में प्रवेश करने के बीच यूक्रेनी बलों ने कहा कि उसने रूसी सेना (Russian Army) के 50 गोला-बारूद डिपो नष्ट कर दिए हैं। उसने कहा, यह कार्रवाई अमेरिका (America) से मिले हिमारस रॉकेट प्रणाली (Himars rocket systems) का इस्तेमाल करते हुए की गई। अमेरिका ने जून माह में यूक्रेन को ये हथियार दिए थे। राष्ट्रीय टीवी पर यूक्रेन (Ukraine) के रक्षामंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव (Oleksiy Reznikov) ने कहा, अमेरिका से आए उच्च गतिशीलता वाले आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम एचआईएमएआरएस (हिमारस) ने बेहतर प्रदर्शन किया और रूस को बचाव का मौका नहीं दिया।
फिलहाल रूस ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। रेजनिकोव ने कहा, यूक्रेनी तोपखाने (Ukrainian artillery) ने कई पुलों पर सटीक हमले किए। स्थानीय कब्जे वाले अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह हिमारस ने खेरसॉन क्षेत्र में नदी के पास कई हमले किए थे। इस बीच यूक्रेन ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें रूसी एंटी-एयर डिफेंस एस-300 (Russian anti-air defense S-300) की बैटरी नष्ट करने का दावा किया गया। वीडियो में कई जले हुए मलबे दिखाई दे रहे हैं। यूक्रेनी सेना की फेसबुक (Facebook) पोस्ट में दावा किया गया कि यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Missile) प्रणाली की बैटरी थी।
सोवियत काल ही हैं एस-300 मिसाइलें
इस लंबे युद्ध में हालात यह हैं कि रूसी सेना अब अपनी सतह से हवा में मार करने वाली एस-300 मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन के जमीनी ठिकानों पर हमले के लिए कर रही है। सोवियत जमाने की एस-300 मिसाइलें सबसे पहले साल 1979 में तैनात की गई थीं। इन मिसाइलों को सोवियत वायु रक्षा बलों के लिए हवाई हमले से बचाव और क्रूज मिसाइलों से निपटने के लिए बनाया था। जबकि अमेरिकी मदद से यूक्रेन इन्हें नष्ट कर रहा है।
रूस के खिलाफ युद्ध अपराध के आरोप तेज
रूस द्वारा इस्तेमाल की गई एस-300 मिसाइलों को एक खास विस्फोटक से लैस किया गया था। ये मिसाइलें जिस जगह भी गिरीं उसके आसपास सब कुछ नष्ट हो गया। इन मिसाइलों के इस्तेमाल से अब रूस के खिलाफ युद्ध अपराध के आरोप तेज होते जा रहे हैं।
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