नई दिल्ली । भारतीय शिपिंग कंपनियों (Indian Shipping Companies) को संकट का सामना करना पड़ रहा है (Facing a Crisis), क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण उत्तरी काला सागर (North Black Sea) बंद हो गया है (Closed), जिससे यूक्रेन और रूस के लिए अलग-अलग ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों पर कंटेनर के रूप में भीड़भाड़ हो गई है। संसद में शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई।
जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोकसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि युद्ध का एक और नतीजा यह है कि सुरक्षा और क्षतिपूर्ति (पी एंड आई) द्वारा बीमा कवर वापस ले लिया गया है। रूस में स्विफ्ट की रुकावट के कारण भुगतान प्रभावित हुआ है और रूस और सीआईएस देशों के लिए व्यापार प्रभावित हुआ है क्योंकि रूसी बंदरगाहों पर शिपिंग लाइनें माल स्वीकार नहीं कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भारतीय शिपिंग कंपनियों को इस संकट के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए कदम उठाए हैं और स्थिति की समीक्षा के लिए सभी हितधारकों के साथ नियमित अंतराल पर बैठकें आयोजित की जाती हैं, शिपिंग लाइनों से स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल के लिए वैकल्पिक मार्गों का पता लगाने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि एक्जिम ट्रेडर्स को सूचित किया गया था कि वन शिपिंग कंटेनरों को व्लादिवोस्तोक ले जा रहा है।
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