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    यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सीमा तक पहुंचाएगा रूस, 6 दिन में दूसरी बार मोदी ने की पुतिन से बात

  • March 03, 2022

    नई दिल्ली। यूक्रेन(Ukraine) और रूस (Russia) के बीच जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने बुधवार रात एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) से बात की। बातचीत में भारत(India) ने यूक्रेन(Ukraine) के दूसरे बड़े शहर खारकीव पर रूसी हवाई हमले (Russian airstrikes on Kharkiv) और बमबारी के बाद अपने नागरिकों को 5 घंटे के अंदर सुरक्षित क्षेत्रों में जाने का आग्रह किया है। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच पिछले 6 दिनों में यह दूसरी बातचीत है। पुतिन (Putin) संग पीएम मोदी (PM Modi) की बातचीत से कुछ देर पहले विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन के खारकीव शहर से सभी भारतीयों को तुरंत शहर छोड़ने के लिए एडवाइजरी जारी की थी। इस एडवाइजरी के कुछ देर बाद ही शहर में मिसाइल अटैक शुरू हो गए और स्थानीय प्रशासन को शहर में 12 घंटे का कर्फ्यू लगाना पड़ा।



    प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने पर फिर चर्चा हुई है। मालूम हो कि यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पीएम मोदी और पुतिन की यह दूसरी बातचीत है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 24 फरवरी को पुतिन से बातचीत में हिंसा को तत्काल समाप्त करने की अपील की थी और राजनयिक वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया था।
    रूस का कहना है कि यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने भारतीय छात्रों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बंधक बना लिया है ताकि उन्हें जाने से रोका जा सके। खबरों के मुताबिक खारकीव मेट्रो स्टेशन में 300 से ज्यादा भारतीय कर्फ्यू के कारण फंसे हुए हैं। दिन में भारत ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि जो भी भारतीय खारकीव में फंसे हैं वो किसी भी हाल में वहां से चले जाएं।

    खारकीव शहर से भारतीयों को निकालने में मदद मांगी
    बुधवार को पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने पुतिन से खारकीव में भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सहयोग मांगा। दरअसल, खारकीव शहर को लेकर सरकार पहले ही भारतीयों के लिए दो बार एडवाइजरी भी जारी कर चुकी है। सरकार की ओर से सभी नागरिकों को तत्काल शहर छोड़कर पश्चिमी शहरों की जाने का आग्रह किया गया है। सरकार की एडवाइजरी के बाद जहां रूसी सैनिकों ने शहर में मिसाइल अटैक शुरू कर दिए हैं तो दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन भी शहर में कर्फ्यू घोषित कर चुका है।

    भारत सरकार की खारकीव में सख्त एडवाइजरी
    विदेश मंत्रालय की ओर से खारकीव में भारतीयों के लिए दो बार एडवाइजरी भी जारी की गई है। भारतीयों को कहा गया है कि किसी भी सूरत में शहर छोड़ दें। पैदल चलकर ही पिसोचिन, बाबई और बेज़लुदिवका के सुरक्षित क्षेत्रों में चले जाएं, ये सभी खारकीव से 11 से 16 किमी के बीच स्थित हैं। भारतीयों को इन स्थानों तक पहुंचने के लिए पांच घंटे से कम समय का समय दिया गया है।

    रूसी इनपुट के आधार पर थी दूतावास की सलाहः विदेश मंत्रालय
    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दूतावास की सलाह रूसी पक्ष के इनपुट पर आधारित थी। हमारे नागरिकों को खारकीव छोड़ने की आवश्यकता पर रूस से प्राप्त जानकारी के आधार पर है। हम अपने सभी नागरिकों से आग्रह करेंगे कि वे पैदल सहित किसी भी उपलब्ध साधन का उपयोग करके और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खारकीव को तुरंत सुरक्षित क्षेत्रों या आगे पश्चिम की ओर छोड़ दें। उन्होंने आगे कहा कि यह पता चला है कि रूसी पक्ष ने हमे शहर पर सुनियोजित हमले से कुछ घंटे पहले सभी भारतीयों को खारकीव से बाहर निकालने की आवश्यकता के बारे में सूचित किया था। रविवार से भारत ने यूक्रेन और रूस दोनों से खारकीव, सुमी और आसपास के अन्य शहरों में हजारों भारतीयों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

    यूक्रेन में भारतीय छात्रों की बढ़ रही मुश्किलें
    यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों का कहना है कि उन्हें भारतीय दूतावास की सलाह का पालन करने में मुश्किल हो रही है। खारकीव में पढ़ने वाले चेन्नई के एक छात्र 21 वर्षीय क्लिफोर्ड बेन सैमुअल ने कहा कि उन्होंने ट्रेन स्टेशन पर बुधवार की सुबह से ही इंतजार किया था। जबकि तीन ट्रेनें चली गईं, भारतीयों को उनमें जाने की अनुमति नहीं थी। सैमुअल ने आगे बताया, “वे हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं। वे केवल यूक्रेनी नागरिकों को आगे बढ़ने की अनुमति दे रहे हैं। हमें नहीं पता कि क्या करना है। कोई टैक्सी या बस नहीं हैं और हमारे पास पश्चिमी सीमा तक ले जाने के लिए बस या ट्रेनें ही हैं। सरकार कहती है कि हमें बाहर निकल जाना चाहिए लेकिन वे हमें यह नहीं बता रहे हैं कि कैसे। दूतावास में भी कोई हमारा फोन नहीं उठा रहा है।”

    भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए ‘मानवीय गलियारा’
    इससे पहले रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्रा की मौत की जांच करेगा। भारत में रूसी राजदूत नामित डेनिस अलीपोव ने बुधवार को ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए “मानवीय गलियारा” बनाने के लिए काम कर रहा है और खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत की जांच करेगा।

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