नई दिल्ली। रूस (Russia) ने यूनाइटेडन नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (United Nation Security Council) में भारत की स्थायी सदस्यता (Permanent Membership of India) की एक बार फिर सिफारिश की है. रूसी विदेश मंत्री (Russian Foreign Minister) ने कहा कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए. रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और ब्राजील यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए योग्य उम्मीदवार हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर किसी दूसरे देश ने आवाज उठाई है।
युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के स्थायी तौर पर पांच सदस्य हैं जिनमें रूस भी शामिल है। इससे पहले अमेरिका भी कई मोर्चों पर भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन कर चुका है. हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडन के हवाले से एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के स्थायी सदस्य के रूप में वो जर्मनी, जापान और भारत का समर्थन करते हैं. अमेरिकी अधिकारी ने यह भी कहा था कि इस संबंध में कई मोर्चे पर काम भी किए गए हैं।
UNSC में सुधार पर बाइडन को जोर
इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति जो बाइडन ने युनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में अपने संबोधन के दौरान यूएनएससी में संभावित सुधारों का समर्थन किया था. उन्होंने अपने पहले के बयानों को दोहराते हुए कहा कि उनका मानना है कि समय आ गया है कि संस्थान को और अधिक समावेशी बनाया जाए ताकि यह आज की दुनिया की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का लगातार समर्थन और बचाव करना चाहिए और वीटो के इस्तेमाल से बचना चाहिए. उन्होंने कहा था कि वीटो का इस्तेमाल सिर्फ बहुत जरूरत पड़ने पर ही किया जाना चाहिए।
भारत के पास स्थायी सदस्यता नहीं होने से दुनिया का नुकसान
इससे पहले यूएनएससी की स्थायी सदस्यता पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि इसके लिए कई मोर्चों पर काम हुए हैं. उन्होंने कहा कि यूएनएससी में भारत का स्थायी सदस्य के रूप में शामिल नहीं होने से सिर्फ हमारा नुकसान नहीं है, बल्कि यह दुनिया के लिए भी अच्छा नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वो इस पर काम कर रहे हैं और गंभीरता से काम कर रहे हैं।
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