नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध (Russo-Ukraine War) ने उसके लिए और मुश्किलें पैदा कर दी हैं. पाकिस्तान में गेहूं की किल्लत हो गई है. रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण वो चाहकर भी उससे तेल और गेहूं का आयात नहीं कर पा रहा है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों ने रूस और यूक्रेन से गेहूं खरीदना पाकिस्तान के लिए मुश्किल बना दिया है. उन्होंने कहा कि रूस से गेहूं खरीदने के लिए पाकिस्तान ने युद्ध से पहले ही अनुरोध किया था लेकिन अभी तक रूस ने उसके पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है.
सीएनएन से बातचीत में पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा, ‘रूस ने पाकिस्तान को तेल खरीदने का कोई ऑफर नहीं दिया है. मेरे लिए रूसी तेल खरीदने की कल्पना करना मुश्किल है.’
मंत्री ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान सरकार के गेहूं खरीद से संबंधित पत्र का जवाब नहीं दे रहा है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने रूस की सरकार से गेहूं खरीदने का अनुरोध किया था. पाकिस्तान की नई सरकार ने भी रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों से गेहूं के लिए अनुरोध किया है. पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि दोनों देशों में से जो भी पाकिस्तान को गेहूं निर्यात कर सकता है, वो पाकिस्तान को गेहूं भेजे. पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, ‘हमें उनसे गेहूं खरीदकर खुशी होगी.’
पाकिस्तान को रूस से सस्ते तेल ऑफर की उम्मीद
मिफ्ताह ने आगे कहा कि अगर रूस सस्ते दरों पर तेल की पेशकश करता है तो पाकिस्तान इस पर विचार करेगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रूस अगर पाकिस्तान को सस्ते तेल का ऑफर देता भी है तो इस वक्त पाकिस्तान के बैंक इस स्थिति में नहीं है कि वो रूसी तेल खरीद सकें.
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने इमरान खान के उस दावे का भी खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस ने तेल और गेहूं खरीद पर पाकिस्तान को 30% छूट की पेशकश की है.
उन्होंने कहा, ‘मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मुझे नहीं पता इमरान खान को इस छूट के बारे में किसने कहा. खान सत्ता जाने के बाद से ही इस तरह की बातें बना रहे हैं. वो वही व्यक्ति है जो कह रहा था कि हमारी सरकार अमेरिकी साजिश के कारण सत्ता में आई. और अब वो ये नई बात कह रहे हैं. अगर रूस उस वक्त पाकिस्तान को सस्ता गेहूं और तेल बेच रहा था तो खान ने क्यों नहीं खरीद लिया. उन्होंने उस वक्त तो नहीं खरीदा.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार रूस से कम से कम गेहूं आयात के लिए बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रही है क्योंकि तेल की तरह खाद्यान्नों के खरीद पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.
कर्ज देने के लिए पाकिस्तान से कड़े फैसले की उम्मीद कर रहा IMF
आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान खुद को दिवालिया होने से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लोन को लेकर लगातार बातचीत कर रहा है. जब इस संबंध में मिफ्ताह इस्माइल से सवाल किया गया तो उन्होंने जानकारी दी कि पाकिस्तान की सरकार ने दोहा में IMF से बातचीत की है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘IMF उस बजट का इंतजार कर रहा है जिसे मैं जून की शुरुआत में संसद में पेश करने जा रहा हूं. उसके बाद मुझे उम्मीद है कि हम स्टाफ स्तर के समझौते पर पहुंचेंगे. IMF हमसे उम्मीद कर रहा है कि हम तेल, पेट्रोल और डीजल पर दी जा रही सब्सिडी को खत्म कर दें, जो पिछली सरकार ने दी थी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘IMF चाहता है कि हम बिजली टैरिफ पर दी जा रही सब्सिडी को भी खत्म कर दें. ये सब्सिडी पिछली सरकार ने IMF के साथ समझौते का उल्लंघन करते हुए दी थी. मुझे पूरा विश्वास है कि हमें IMF के साथ फंड को लेकर समझौता कर लेंगे लेकिन इसके लिए थोड़ा टैक्स बढ़ाना पड़ेगा और देश को चलाने के लिए कम खर्च का रास्ता अपनाना होगा.
इमरान खान सरकार पर निशाना
उन्होंने इमरान खान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खराब आर्थिक स्थिति में भी पाकिस्तान की पिछली इमरान खान सरकार ने IMF के साथ फंड को लेकर किए समझौते का उल्लंघन किया और पेट्रोल, डीजल बिजली आदि पर लगातार उच्च सब्सिडी देना जारी रखा.
वहीं, मिफ्ताह द्वारा इमरान खान सरकार पर लगाए आरोपों के जवाब में पूर्व मानवाधिकार मंत्री और पीटीआई नेता शिरीन मजारी ने कहा कि अमेरिका के डर से पाकिस्तान रूसी तेल नहीं खरीद रहा है वर्ना रूसी तेल खरीद पर तो कोई प्रतिबंध नहीं है.
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