मास्को। रूस (Russia) ने गुरुवार को बेलारूस में युद्धाभ्यास शुरू (Started maneuvers in Belarus) कर दिया। उसने पूरे बेलारूस (Belarus) में अपने टैंकों को घुमाया। इसके साथ ही यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी हमले (Russian attack) की आशंका और गहरा गई है। यह नाटो और पश्चिमी देशों के लिए रूस की नई चेतावनी है। उधर, नाटो(NATO) ने कहा है कि रूस की मिसाइलें(Russian missiles), भारी तोपखाना(heavy artillery) व मशीन गनों के जवानों की तैनाती (deployment of machine guns) यूरोप के लिए खतरनाक (dangerous for europe) क्षण है। सोवियत संघ के पतन के तीस साल बाद यह हालात बने हैं।
इस बीच, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने रूस को चेतावनी दी है कि वह तनाव बढ़ाकर पश्चिमी सहयोगियों के सब्र का इम्तिहान न ले। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह नाजुक स्थिति है। रूस हमारी एकता को कमजोर न समझे। हम योरपीय संघ व नाटो के साथ एकजुट हैं। स्कॉल्ज ने यह भी कहा कि हम हमारे सहयोगियों की चिंताओं को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने बाल्टिक देशों के नेताओं की मौजूदगी में ये बातें कहीं। बाल्टिक नेता चर्चा के लिए जर्मनी में हैं। बेलारूस में रूसी सैन्याभ्यास 20 फरवरी तक चलेगा। इस बीच अमेरिकी अनुमानों के अनुसार यूक्रेन सीमा पर रूसी सेना की तादाद बढ़कर करीब 1.30 लाख तक पहुंच गई है। वहां दर्जनों युद्ध ब्रिगेड तैनात कर दी गई हैं। पश्चिमी नेता इस प्रयास में जुटे हैं कि रूस के साथ बातचीत के रास्ते बंद न हों। वे चाहते हैं कि नाटो के विस्तार को लेकर रूस की चिंताओं व शिकायतों को सुना जाए। नाटो पूर्वी यूरोप के देशों व यूक्रेन व अन्य पूर्व सोवियत देशों को सदस्यता देना चाहता है। रूस इसका कड़ा विरोध कर रहा है।