img-fluid

तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा सकता है रूस, पूरी दुनिया में मचेगी खलबली

April 22, 2024

न्यू कैसल (Britain)। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि रूस फिलहाल तालिबान को आतंकवादी संगठनों (Taliban terrorist organizations) की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है. इस संबंध में हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन उनके बढ़ते सौहार्दपूर्ण संबंधों का एक संकेत मई में रूस के कजान शहर में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के लिए तालिबान का निमंत्रण है. रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पहले भी तालिबान के साथ चर्चा शुरू की है, और जब संगठन ने अफगानिस्तान (afghanistan) पर नियंत्रण किया तो रूस एक राजनयिक को मान्यता देने वाले कुछ देशों में से एक था.

अफगानिस्तान के राजनीतिक एवं आर्थिक संकट और यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों का मतलब है कि दोनों पक्षों को मजबूत रिश्ते से कुछ हासिल करना होगा. वर्ष 1999 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 1267 को अपनाया था. कुछ महीने बाद, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने और तालिबान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने संबंधी एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए.

रूस के उच्चतम न्यायालय ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए कहा कि इसने चेचन्या में अवैध सशस्त्र बलों के साथ संबंध बनाए रखे और उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान तथा किर्गिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश की. रूस ने खुद को एक शांति दूत के रूप में पेश करने प्रयास के रूप में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत के लिए 2017 में एक क्षेत्रीय पहल शुरू की. इन वार्ताओं का उद्देश्य अफगानिस्तान संकट का समाधान निकालना था.



अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. तालिबान चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध वापस लिए जाएं और जब्त की गई संपत्तियों को मुक्त किया जाए ताकि देश के आर्थिक विकास में मदद मिल सके.

यदि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध वापस ले लिए जाते हैं, तो अफगानिस्तान को महत्वपूर्ण लापीस-लाजुली व्यापार गलियारे के विकास से आर्थिक रूप से लाभ होना चाहिए जो अफगानिस्तान को इस्तांबुल और यूरोप और उज्बेकिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान रेलवे लाइन से जोड़ता है. रूस द्वारा तालिबान को अपनी आतंकवाद सूची से हटाना वर्तमान अफगानिस्तान सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता की दिशा में पहला कदम होगा.

तालिबान के साथ सहयोग से रूस को भी लाभ होता है. इसका लक्ष्य खुद को क्षेत्र के सुरक्षा प्रदाता के रूप में पेश करना है. क्षेत्र की स्थिरता, मादक पदार्थों की तस्करी और इस्लामी आतंकवाद के खतरों के बारे में भी चिंताएं है, खासकर मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल पर हाल में आईएसआईएस-के हमले के बाद.

क्षेत्र में अपनी भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक मौजूदगी बढ़ाने के लिए, रूस पहले से बनाए गए गठबंधनों का इस्तेमाल कर सकता है. तालिबान और रूस के बीच बढ़ते सहयोग का रूस और पश्चिम के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में निहितार्थ है. यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से, रूस ने अन्य देशों को अपने इस रणनीतिक दृष्टिकोण को समझाने का प्रयास किया है कि युद्ध क्यों हो रहा है.

Share:

इसरो चीफ बोले- सूर्य के बारे में लगातार डेटा भेज रहा है आदित्य मिशन

Mon Apr 22 , 2024
नई दिल्ली (New Delhi)। सूर्य के रहस्यों को समझने (understanding Sun mysteries) में जुटा भारत का आदित्य एल1 (India’s Aditya L1) को लेकर इसरो ने बड़ी जानकारी दी है. इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रमुख (Indian Space Research Organization chief) एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने रविवार को कहा कि देश की प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शुक्रवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved