कीव । रूस और यूक्रेन के बीच जंग में (War between Russia and Ukraine) हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) इस्तेमाल कर रहा है (Is using) रूस (Russia) । अब तक एक करोड़ लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं (10 Million People have Left Ukraine so far) । इस बीच रूसी सेना ने मारियुपोल में एक स्कूल पर बमबारी की है। जानकारी के अनुसार यहां करीब 400 लोगों ने शरण ले रखी थी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यह विफल होती है तो इसका मतलब तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है। देश में मार्शल लॉ बढ़ा दिया गया है। यूक्रेन की राजधानी कीव में एक शॉपिंग सेंटर पर रात को हुई बम बमबारी के कारण भीषण आग लग गई है। इसमें कम से कम छह लोग मारे गए हैं। समाचार एजेंसी एएफपी ने इसकी जानकारी दी है।
यूक्रेन ने मारियुपोल के बंदरगाह शहर को सरेंडर करने से साफ इनकार कर दिया है। रूसी सैनिकों से घिरे सुमी में एक केमिकल प्लांट से अमोनिया का रिसाव हुआ है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCR) ने रविवार को कहा कि रूस के आक्रमण के कारण यूक्रेन से एक करोड़ लोग विदेश भाग गए हैं या विस्थापित हो गए हैं। यूक्रेन में रूस विनाशाकारी हाइपरसोनिक मिसाइल इस्तेमाल कर रहा है। उसने शनिवार को हाइपरसोनिक मिसाइल किंझल का इस्तेमाल करके हथियारों के गोदाम को तबाह कर दिया। फिर रविवार को रूस ने कहा कि उसने मायकोलाइव क्षेत्र में एक ईंधन डिपो को नष्ट करने के लिए मिसाइलें दागीं।
रूस के ब्लैक सी फ्लीट का एक वरिष्ठ नौसैनिक कमांडर यूक्रेन में मारा गया है। सेवस्तोपोल के गवर्नर ने यह जानकारी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन की मदद और रूस पर गंभीर और अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर चर्चा के लिए इस सप्ताह पोलैंड का दौरा करेंगे। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी है।
यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को बेंगलुरू पहुंच गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हवाईअड्डे पहुंचकर पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR)ने रविवार को कहा कि 19 मार्च की मध्यरात्रि तक यूक्रेन में कम से कम 902 नागरिकों की मौत हो गई है और 1,459 लोग घायल हुए हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी जानकारी दी है। ओएचसीएचआर ने कहा कि तोपखाने, रॉकेट सिस्टम और मिसाइल और हवाई हमलों से अधिकांश मौतें हुई हैं। माना जा रहा है कि मरने वालों की वास्तविक संख्या काफी अधिक होगी। इसका कारण है कि देश में ओएचसीएचआर की टीम को बुरी तरह से प्रभावित कई शहरों से रिपोर्ट नहीं मिल पाई है।
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