वॉशिंगटन। छह माह से ज्यादा समय से यूक्रेन के साथ जंग लड़ रहे रूस को वहां सैनिकों की कमी से जूझना पड़ रहा है। अमेरिका का दावा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेना में 1,30,000 से ज्यादा सैनिकों की नई भर्ती की योजना बनाई है, लेकिन वह कामयाब नहीं होगी।
अमेरिकी वेबसाइट ने एक रक्षा अधिकारी के हवाले से यह न्यूज रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि पिछले सप्ताह पुतिन ने रूस की सैन्य क्षमता 19 लाख जवानों से बढ़ाकर 20.40 लाख करने का आदेश जारी किया है। इसके लिए भर्ती अगले साल शुरू होगी।
अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, रूस ऐतिहासिक रूप से सैन्य कर्मियों के भर्ती के लक्ष्य का पूरा नहीं कर पाया है। यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई से पहले यानी 24 फरवरी से पूर्व रूस 10 लाख सैनिकों के अपने लक्ष्य से 1,50,000 जवानों की कमी से जूझ रहा था। अब वह नए रंगरूटों और कैदियों की सेना में भर्ती की ऊपरी आयु सीमा को खत्म कर अपने जवानों की संख्या बढ़ाने में जुटा हुआ है।
रूसी सेना में नए रंगरूट बूढ़े व अक्षम
अमेरिकी अधिकारी ने यह भी दावा किया कि रूसी सेना में भर्ती किए गए कई रंगरूट बूढ़े, शारीरिक रूप से अक्षम और उपयुक्त प्रशिक्षण विहीन हैं। इसलिए अमेरिकी सरकार का मानना है कि रूस की सैनिकों की संख्या बढ़ाने के प्रयास सफल नहीं होंगे।
अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार भेजना शुरू किए
इस बीच, अमेरिकी रक्षा विभाग ने यूक्रेन में समुद्री रास्ते से हथियारों की खेप भेजना शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि विमानों से खेप भेजने की तुलना में धीमी आपूर्ति होने के बावजूद अमेरिकी जहाज भारी मात्रा में माल परिवहन करने में सक्षम हैं। इसके दम पर यूक्रेन के पास हथियारों की बड़ी खेप पहुंच जाएगी।
यूक्रेन को 2.98 डॉलर का सैन्य पैकेज
अमेरिका पहले ही यूक्रेन के लिए 2.98 अरब डॉलर की सैन्य सहायता के पैकेज की घोषणा कर चुका है। इसके तहत अमेरिकी रक्षा उद्योग को यूक्रेन के लिए हथियार बनाने के लिए दी जाने वाली मदद भी शामिल है। यह पैकेज यूक्रेन सुरक्षा सहायता पहल (USAI) के तहत दिया जा रहा है। इसमें सतह से हवा में मार करने वाले छह मिसाइल सिस्टम (NASAMS) शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रूस यूक्रेन में लंबे युद्ध में घिर गया है। ब्रिटेन का दावा है कि इस जंग में रूस के 10 हजार से ज्यादा सैनिक जान गंवा चुके हैं। रूसी सेना में नए सैनिकों की भर्ती पिछले कई वर्षों में बहुत धीमी हुई है।
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