मॉस्को: रूस ने मंगलवार को नाटो पर एक छद्म युद्ध (proxy war) में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसने परमाणु युद्ध (nuclear war) का एक गंभीर खतरा पैदा कर दिया है. रूस का यह बयान यूक्रेन को अमेरिका और उसके सहयोगियों से मिलने वाली मदद की प्रतिक्रिया के रूप में आया है. दरअसल, अमेरिका (America) ने मंगलवार को अपने सहयोगी देशों के साथ एक जर्मन हवाई अड्डे पर यूक्रेन को रूस (Russia to Ukraine) के खिलाफ युद्ध में जीत के लिए जरूरी भारी हथियारों की आपूर्ति करने का संकल्प लिया.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Foreign Minister Sergei Lavrov) ने कहा कि परमाणु युद्ध का जोखिम अभी भी बना हुआ है. इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने सोमवार को रूस के चैनल वन टीवी के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की. लावरोव ने दोहराया कि जनवरी में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों ने परमाणु युद्ध की अस्वीकार्यता पर एक बयान दिया था.
विदेश मंत्री ने कहा खतरा गंभीर है, यह वास्तविक है, इसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रूस के युद्ध के मद्देनजर पश्चिम ने यूक्रेन (Ukraine to the West) को हथियार दिए हैं, नाटो गठबंधन रूस के साथ युद्ध में शामिल था. उन्होंने कहा, “ये हथियार विशेष ऑपरेशन के संदर्भ में रूस की सैन्य कार्रवाई के लिए एक वैध लक्ष्य होंगे. नाटो, संक्षेप में, एक प्रॉक्सी के माध्यम से रूस के साथ युद्ध में लगा हुआ है और उस प्रॉक्सी को हथियार दे रहा है. युद्ध का मतलब युद्ध है.”
दूसरी ओर, रूसी सेनाओं को कीव से वापस भजने और अब यूक्रेन के पूर्व में भी पुतिन की सेना को मिल रही हार के साथ अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने 40 से अधिक देशों के अधिकारियों का यूरोप में अमेरिकी वायु शक्ति के मुख्यालय रामस्टीन में स्वागत किया. ऑस्टिन ने कहा, “रूस की साम्राज्यवादी आक्रामकता के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का समर्थन करने के हमारे संकल्प में दुनिया भर के राष्ट्र एकजुट हैं.” यूक्रेन स्पष्ट रूप से मानता है कि वह जीत सकता है और इसलिए यहां हर कोई ऐसा ही सोचता है.”
गौरतलब है कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की यूक्रेन यात्रा के बाद अमेरिका ने यूक्रेन के लिए नई सैन्य सहायता और राजनयिक समर्थन की घोषणा की है. दोनों नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और उनके सलाहकारों से कहा कि अमेरिका विदेशी सैन्य वित्तपोषण से 30 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद प्रदान करेगा और 16.5 करोड़ डॉलर के गोला-बारूद की बिक्री को भी मंजूरी दी गई है.
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