नई दिल्ली: रूस (Russia) ने यूएस की टेक दिग्गज और मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा (US company Meta) के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए इसे आतंकवादी और चरमपंथी संगठन (terrorist and extremist organizations) की सूची में शामिल किया है. मेटा, फेसबुक की पैरेंट कंपनी (Facebook’s parent company) है. फेडरल सर्विस फॉर फाइनेंशियल मॉनिटरिंग (रोसफिनमोनिटरिंग) के एक डेटाबेस के अनुसार, रूस ने मंगलवार को मेटा को आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों की लिस्ट में शामिल किया है.
मार्च में, रूसी सरकार (Russian government0 ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया था. मॉस्को की एक अदालत ने मार्क जुकरबर्ग के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चरमपंथी गतिविधि का भी आरोप लगाया था, जिसमें दावा किया गया था कि यह यूक्रेन में सोशल मीडिया यूजर्स को रूसियों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने वाले कंटेंट पोस्ट करने की अनुमति दे रहा है. हालांकि मेटा के वकील ने तब आरोपों को खारिज कर दिया था, और अदालत से कहा था कि संगठन कभी भी चरमपंथी गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ और रूसोफोबिया के खिलाफ था.
इससे पहले मार्क जुकरबर्ग को इस साल मई में उन 963 प्रमुख अमेरिकियों की लिस्ट में जोड़ा गया था, जिनकी रूस में एंट्री पर बैन है. इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी शामिल थे. बता दें, रूस ने मेटा को आतंकवादी और चरमपंथी संगठन की लिस्ट में ऐसे समय में शामिल किया है जब एक दिन पहले ही उसने यूक्रेन पर एक के बाद एक 75 मिसाइल अटैक किए थे. रूस ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव समेत उसके कई शहरों पर हमला किया जिसमें नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया. राजधानी कीव में हमलों में आठ लोगों की जान जाने की खबर है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बाद में कहा कि यूक्रेन पर हमले मास्को नियंत्रित क्रीमिया प्रायद्वीप के एक पुल पर हमले समेत कीव की आतंकवादी कार्रवाई के जवाब में किए गए. कई घंटों तक चलने वाले भीषण हमले ने मास्को द्वारा अचानक सैन्य हमलों को तेज किए जाने को परिलक्षित किया है. इससे एक दिन पहले ही पुतिन ने शनिवार को रूस को क्रीमिया के कब्जे वाले क्षेत्र से जोड़ने वाले विशाल पुल पर विस्फोट को यूक्रेनी विशेष सेवाओं द्वारा नियोजित एवं अंजाम दिया गया एक आतंकवादी कृत्य कहा था.
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