मॉस्को: रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच चल रहा युद्ध (war) अब लगातार बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन की सेना (Army) अब रूस के अंदर घुस गई है जिसने पुतिन को हिलाकर रख दिया है। इस बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन डर्टी बम (dirty bomb) का हमला कर सकता है। कई रिपोर्ट्स में रूस के सैन्य संवाददाताओं ने बताया है कि यूक्रेन कथित तौर पर निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र (Dnipropetrovsk region) में ‘डर्टी बम’ सहित परमाणु (Atom) उकसावे की तैयारी कर रहा है। सैन्य संवाददाता मराट खैरुलिन ने अपने टेलीग्राम चैनल पर पहले भी इससे जुड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में इस्तेमाल किए गए परमाणु ईंधन के भंडारण स्थलों पर हमले की योजना कर रहा है।
क्या होता है डर्टी बम?
डर्टी बम एक ऐसा हथियार है, जिसमें यूरेनियम जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थ होते हैं, जो धमाके के साथ हवा में बिखर जाते हैं। इन हथियारों का उद्देश्य सिर्फ खतरनाक रेडिएशन को फैलाना होता है, इसीलिए इसमें परमाणु बम की तरह बहुत ज्यादा शुद्ध रेडियोएक्टिव सामग्री की जरूरत नहीं होती। इसकी जगह इन बमों को बनाने में अस्पतालों, परमाणु ऊर्जा स्टेशनों या रिसर्च केंद्रों के रेडियोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल किया जा सकता है। डर्टी बम बनाना परमाणु हथियारों की तुलना में बहुत सस्ता और तेज होता है। उदाहरण के लिए इसे किसी गाड़ी में रखकर अगर विस्फोट किया जाए तो भी इसका नुकसान भयानक होगा।
कैसे होता है नुकसान?
रेडियोएक्टिव विकिरण से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। किसी लक्षित आबादी में हमला दहशत पैदा करने वाला होता है। विस्फोट के अलावा रेडिएशन काफी दूर तक फैल जाएगा, ऐसे में उन इलाकों को भी खाली करना पड़ेगा, जहां धमाका नहीं हुआ है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स ने गणना की है कि अगर न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में सिर्फ 9 ग्राम कोबाल्ट-60 और 5 किग्रा टीएनटी वाला विसफोट किया जाए तो यह पूरे शहर को दशकों तक न रहने लायक बना देगा। हालांकि ये हथियार के रूप में बहुत अविश्वसनीय हैं। किसी डर्टी बम की रेडियोएक्टिव सामग्री को पूरे इलाके में फैलाने के लिए पाउडर में बदलना पड़ता है।
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