नई दिल्ली। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद (After World War II) यूरोपीय राज्य पर मास्को की तरफ से सबसे बड़ा हमला (biggest attack) बोल गुरुवार को बोल दिया गया. रूस ने हवाई, समुद्र और जमीन तीनों ही क्षेत्रों से यूक्रेन (Ukraine) पर हमला कर दिया. इस बीच यूक्रेनी सेना ने भी मोर्चा संभाला और देश की लगभग पूरी परिधि में रूसी आक्रमणकारियों से लड़ाई लड़ी।
रूस के रक्षा मंत्रालय (Russian Defense Ministry) ने गुरुवार को जानकारी दी कि यूक्रेन पर हमले का पहला दिन बेहद सफल रहा. इससे कुछ घंटे पहले रूस ने यूक्रेन पर 11 एयरड्रोम समेत जमीनी क्षेत्र में मौजूद करीब 74 सैन्य बुनियादी सुविधाओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। वहीं यूक्रेन ने कहा कि हमले के पहले दिन रूस ने 203 हमले किए।
रूसी सैनिकों ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर व्यापक स्तर पर हमला किया जिसमें हवाई हमले एवं गोलाबारी में उसके शहरों और अड्डों को निशाना बनाया गया. रूसी हमले के परिणामस्वरूप लोग ट्रेनों एवं कारों से इलाके को छोड़ने के लिये प्रयासरत दिखे।
यूक्रेन की सरकार ने कहा कि रूसी टैंक और सैनिक सीमापार करके उसके इलाके में घुस आए और मास्को पर ‘पूर्ण युद्ध’ छेड़ने का आरोप लगाया जो भौगोलिक व्यवस्था को फिर से लिखने का प्रयास है तथा जिसका प्रभाव पूरी दुनिया पर दिखने लगा है।
यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज कर दिया और अपने देश के परमाणु हथियारों के संदर्भ में अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे।”
इस परमाणु संयंत्र में अप्रैल, 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना हुई थी, जब एक परमाणु रिएक्टर में विस्फोट के बाद पूरे यूरोप में रेडियोधर्मी विकिरण फैल गया था. यह संयंत्र कीव के उत्तर में 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था. जिस रिएक्टर में विस्फोट हुआ था, उसमें से विकिरण रिसाव रोकने के लिए उसे एक सुरक्षात्मक उपकरण से कवर किया गया है और पूरे संयंत्र को निष्क्रिय कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार देर रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की, “हिंसा को तत्काल समाप्त करने” की अपील की. भारत सरकार ने देश में फंसे भारतीयों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के एक सलाहकार ने कहा कि पूर्वोत्तर में सुमी और खार्किव, दक्षिण में खेरसॉन और ओडेसा और राजधानी कीव के पास एक सैन्य हवाई अड्डे पर भीषण लड़ाई हो रही थी. दुनिया के कई देशों के नेताओं ने रूसी आक्रमण की निंदा की, जिससे बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता है और यह (हमला) यूक्रेन की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर सकता है. रूसी सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बीच एशियाई शेयर बाजार में गिरावट देखी गई और तेल की कीमतों में वृद्धि हुई।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक लिखित बयान में कहा, ‘‘ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक पूर्व नियोजित युद्ध का विकल्प चुना है, जिसका लोगों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव होगा. इस हमले में लोगों की मौत और तबाही के लिए केवल रूस जिम्मेदार होगा.’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी एवं साझेदार एकजुट होकर एवं निर्णायक तरीके से इसका जवाब देंगे. दुनिया ”रूस की जवाबदेही तय करेगी.’’ बाइडन ने कहा कि सात नेताओं के समूह की बैठक के बाद बृहस्पतिवार को अमेरिकियों से संवाद करने की उनकी योजना है. बृहस्पतिवार को रूस के खिलाफ और प्रतिबंधों की घोषणा की जा सकती है।
पुतिन ने कहा, ‘‘ जो यह समझते हैं कि वे इस समय जारी घटनाक्रम में हस्तक्षेप कर सकते हैं, उनके लिये मेरी ओर से कुछ शब्द हैं… जो भी बाधा पहुंचाने का प्रयास करेगा, हमारे देश और लोगों के लिये खतरा उत्पन्न करेगा, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि रूस तुरंत जवाब देगा और इसके परिणाम ऐसे होंगे जो इतिहास में नहीं देखे गये होंगे।’’
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गिय किस्लित्सिया ने सुरक्षा परिषद को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘‘यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा’’ कर दी है। उन्होंने अपने रूसी समकक्ष पर यह कहने के लिए भी दबाव डाला कि रूस, यूक्रेन के शहरों पर गोलाबारी और बमबारी नहीं करेगा. नाटो के महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग ने बयान जारी करके रूस के लापरवाह और बिना उकसावे के यूक्रेन पर किये गए हमले की निंदा की, जिसने नागरिकों के जीवन को खतरें में डाल दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान की घोषणा किये जाने को ‘‘अपने कार्यकाल का सबसे दुखद क्षण’’ करार दिया है।
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